जिला पंचायत सीईओं के आदेश के बाद भी अभी तक नही हुई संबधित शिक्षक पर एफआईआर दर्ज
सुसनेर, अग्निपथ। बच्चों के मध्यान्ह भोजन में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया हैं। स्कूल के शिक्षक द्ववारा कागजों में ही खाना पकाकर बच्चों को खिला देने एवं कोविड काल में स्कूली बच्चों को राशन न देकर खुद ही इसका अनाज डकार लिया हैं। नैनेहालों का निवाला खाने वाले शिक्षक का दोष साबित होने के बाद भी शिक्षा विभाग के साथ प्रशासनिक अधिकारी इस पर अपनी मेहरबानी दिखा रहे हैं।
मामला आगर-मालवा जिलें के सुसनेर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुरा का हैं। जहॉ पदस्थ सहायक शिक्षक मोहनलाल राठौर ने मध्याह्न भोजन रिकार्ड में हेराफेरी करने के साथ ही बच्चों में वितरित करने की बजाय अनाज बेच दिया। आरोप साबित होने के बाद जिला पंचायत सीईओ दत्तुसिंह रणदा के द्ववारा संबधित से वसूली एवं एफआईआर के आदेश जारी किए थे। यही नहीं संबधित शिक्षक ने अपनी पत्नि व बेटी को रसोइया बता कर उनके खाते में राशि डालकर आहरित भी कर ली।
2 माह से मामले को डाल रखा ठंडे बस्ते में
बच्चों का भोजन तक बंदरबांट करने वाले शिक्षक को तो माफिया कहकर पुकारा जाना चाहिए। जब हमने इस गड़बड़ी को लेकर बीईओं जनपद शिक्षा केन्द्र सुसनेर मुकेश तिवारी से पूछा तो उन्होने कहा कि जिला पंचायत सीईओं के आदेश के अनुसार संबधित से राशी वसूली या एफआईआर का आदेश हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 2 माह से ठंडे बस्ते में पडे। इस मामलें में संबधित शिक्षक से 14 नवंबर 2022 को 29 हजार 448 रूपये एवं 97 हजार 404 रूपये का चेक लेकर मामले को रफादफा करनें में लगे हैं। जबकि जिला पंचायत सीईओं दत्तुसिंह रणदा के द्ववारा जारी पत्र क्रमांक-पीएम पोषण 2022-23-4190 में संबधित से वसूली करने के साथ ही शिक्षक के विरूध थानें में एफआईआर दर्ज करवानें का आदेश दिया हैं। किन्तु विभाग के अधिकारी संबधित को बचानें में लगे हैं।
अब जांच के नाम पर लटका रहे मामलें को
इस मामलें में 20 सितंबर 2022 को आदेश जारी होने के बाद 7 नवंबर 2022 को शिक्षा विभाग के द्ववारा थाना प्रभारी को पत्र क्रमांक शिकायत-2022-137 के माध्यम से एफआईआर दर्ज करने का पत्र दिया। इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि पुलिस विभाग ने विभागीय जांच करने की बात कही हैं। जबकि विभागीय जांच के बाद ही शिक्षक पर आरोप सिद्व हुवें हैं। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग हो या फिर पुलिस विभाग दोनो ही मामलें को लटका कर रखनें में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
यह है मामला
- 4 अगस्त 2022 को तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओं पराग पंथी एवं एमडीएम प्रभारी शिक्षा विभाग संतोष भेनिया निरीक्षण के लिए प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुरा पहुंचे। जांच में जो बिन्दु सामने आए उसमें।
- निरीक्षण के दौरान जो सामनें आया उसमें शाला में पीएम पोषण से संबधित रिकार्ड संतोषजनक नही होने
- अप्रेल 2020 से जून 2022 तक के गेहूं 32 क्विटल 94 किलों व चावल 5 क्विटल 51 किलों सोसायटी सेल्समेंन से प्राप्त हुवें किन्तु इन्हे संबधित शिक्षक ने वितरित नही किया।
- कोरोना काल में शासन द्ववारा 62 बच्चों के मान से 134 किलो तुवर दाल एवं 24 किलो सोयाबीन तेल बच्चों को वितरित नही किया गया।
- नवम्बर 2021 से अप्रेल 2022 तक भोजन पकाने की लागत राशि 29448 रूपयें शाला प्रबधन समिति के खाते में प्राप्त हुई किन्तु बच्चों में मध्यान भोजन वितरित नही किया गया।
- रसोईयों में प्रभारी शिक्षक मोहनलाल राठौर ने उनकी पत्नि व पूत्री अर्चना जिन्हे दैनिक वेतन भोगी के रूप में लगा रखा था। जबकि शाला में मध्यान भोजन का वितरण नही किया गया तथा रसोईयों को पारिश्रमिक दे दिया गया।
प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुरा में 4अगस्त 2022 को निरीक्षण के दौरान पीएम पोषण योजना में मिली अनिमित्ता के बाद हमारें द्ववारा इस संबध में प्रतिवेदन तैयार कर एसडीएम सुसनेर को भेजा था। इसके बाद मामलें में जिला पंचायत सीईओं द्ववारा आदेश जारी किया गया हैं। मामलें में संबधित से राशी की वसूली की कार्रवाई की जा रही हैं।
-मुकेश तिवारी, बीईओ जनपद शिक्षा केंद्र सुसनेर
मुझे बगैर नोटिस दिए बगैर रिकार्ड देखे मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा रहे थे। मुझे एफआईआर की धौंस दी तो मेरे द्ववारा 1 लाख 25 हजार रूपयें के चेक ले लिए हैं। मुझे अधिकारियों ने ब्लैकमेल किया गया हैं।
– मोहनलाल राठौर, सहायक शिक्षक प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुरा