उज्जैन,अग्निपथ। गुदरी चौराहा निवासी आंटी को भोपाल व उज्जैन एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) ने लाखों रुपए की स्मैक के साथ देवासगेट से गिरफ्त में लिया है। महिला जूड़े में छिपाकर बेचने के लिए स्मैक लाई थी। उसे मादक पदार्थ सप्लाय करने वाले को भी गिरफ्त में लिया है। दोनों को गुरुवार को दो दिन के रिमांड पर लिया है।
गुदरी चौराहे स्थित आनंद भवन निवासी कांताबाई पति श्याम महेश्कर (50) बुधवार को मंदसौर स्थित ग्राम मऊआ के जुझारसिंह पिता परसराम मालवीय (44) से स्मैक लेकर बस से आई थी। सूचना पर एसटीएफ ने उसे देवासगेट पर बस से उतरते ही पकड़ लिया। तलाशी में स्मैक नहीं मिली, लेकिन उसका जूड़ा खुलवाया तो थैली में बांधकर छिपाई गई 200 ग्राम स्मैक मिल गई। करीब दो लाख रुपए की स्मैक मिलते ही उसके घर की तलाशी ली। यहां कुछ नहीं मिला। उसने स्मैक जुझार से लाना कबूल दिया। नतीजतन टीम जुझार को पकड़ लाई। दोनों को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए दो दिन के रिमांड पर लिया हैं।
याद रहे बुधवार को चर्चा थी कि गुजरात पुलिस ने कांता के घर छापा मारा है और एक करोड़ रुपए का मादक पदार्थ जब्त कर उसे पकड़ा है। हकीकत में कार्रवाई भोपाल व उज्जैन एसटीएफ ने की थी। टीम उसकी छोटी बेटी दीपा व भतीजे को नहीं ले गई थी।
बड़ी बेटी भी जेल में
एसटीएफ के सामने कांता ने कबूला कि सालों से स्मैक का धंधा कर रही है। मंदसौर से स्मैक लाकर वह 1-1 ग्राम की पुडिय़ा बनाकर 100-100 रुपए में नशेडिय़ों को गुदरी से ही बेचती थी। बताया जाता है कि उसकी बड़ी बेटी ज्योति को महाकाल पुलिस ने तीन साल पहले स्मैक बेचते पकडक़र जेल भेजा था।
एसटीएफ के हत्थे चढ़े 12 गिरोह
उज्जैन एसटीएफ ने वर्ष 2020 में नकली नोट छापकर चलाने वाले तीन गिरोह, मादक पदार्थ तस्करी करने वाले तीन, धोखाधड़ी करने वाले दो, पिस्टल बेंचने वाला एक, किक्रेट का सट्टा चलाने वाले और वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी करने वाले दो गिरोह का खुलासा कर 45 आरोपियों को पकड़ा है।
इन्हें मिली सफलता
स्मैक तस्करी का खुलासा करने में निरीक्षक दीपिका शिंदे, एसआई रत्नेश मीणा, जेएस परमार, अनिल राव, कंचन राजपूत, आरक्षक सुनील कुमार झा, रजनीश, शंकर, राजेंद्रसिंह, धर्मेंद्र, संजय शुक्ला की सराहनीय भूमिका रही है। याद रहे शिंदे ने को उल्लेखनीय कार्य करने पर वर्ष 2020 में रुस्तमजी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।