घूसखोर पंचायत सचिव को चार साल की सजा

एक हजार रुपए लेते पकड़ा था लोकायुक्त

उज्जैन,अग्निपथ। घूसखोरी के प्रकरण में गुरुवार को विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने तीन साल पहले एक हजार रुपए रिश्वत लेते लोकायुक्त के हत्थे चढ़े महिदपुर की एक ग्राम पंचायत के सचिव को 4-4 साल सश्रम कारावास के साथ अर्थदंड दिया है। सचिव ने ग्रामीण से परिचय पत्र बनाने के लिए रुपए मांगे थे।

महिदपुर स्थित ग्राम पाड़लिया निवासी सूरज सूर्यवंशी मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत परिचय पत्र बनवाना चाहता था। पंचायत सचिव धर्मेंद्र जोशी निवासी बमनई ने उससे एक हजार रुपए मांगे। सूरज ने शिकायत के बाद लोकायुक्त में घूस मांगने की वाईस रिकार्ड भी सौंप दी। इसी के चलते सुरज 27 मार्च 2017 को महिदपुर दशहरा मैदान में धर्मेद्र के रुपए देने पहुंचा। यहां धर्मेद्र के रिश्वत लेते ही लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

प्रकरण में निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने जांच कर 22 मार्च 2018 को विशेष न्यायालय में चालान पेश किया। यहां विशेष न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी ने अब तक की सुनवाई के बाद गुरुवार को फैसला सुनाया। उन्होंने धर्मेद्र को दोषी सिद्ध होने पर धारा 7 व 13(2) में 4-4 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार रुपए अर्थदण्ड देकर जेल भेज दिया। दोनों सजा साथ में चलेगी। प्रकरण में लोकायुक्त की ओर से डीपीओ मनोज कुमार पाठक ने पैरवी की। सजा दिलाने में प्रधान आरक्षक जागन सिंह की भी विशेष भूमिका रही।

मौके पर उतराया था पेंट

सूरज ने 25 मार्च 2017 को लोकायुक्त के तात्कालीन एसपी को शिकायत की थी कि धर्मेंद्र दो हजार रुपए मांग रहा है। लेकिन वॉइस रिकॉर्ड में 1000 रुपए मांगना आया। मौके पर सूरज द्वारा घूस देकर इशारा करते ही टीम ने धर्मेंद्र को दबोच लिया। केमिकल में हाथ धुलवाते ही रंगा गए, लेकिन रुपए नहीं मिले। बाद में उसकी पेंट से रुपए बरामद होने पर मौके पर ही पेंट उतराकर जब्त की थी और दूसरी पेंट पहनाकर उसे घर भेजा था। प्रकरण की जानकारी लोकायुक्त एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने दी थी।

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