झारड़ा, अग्निपथ। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के सान्निध्य में स्थानीय गौतम लब्धी गार्डन में चल रहे 24 कुण्डीय यज्ञ के अंतर्गत लगातार चार दिवसीय से विविध हवन पूजन के साथ ही धार्मिक अनुष्ठान किए गए। महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर याजक दम्पत्तियों ने अपने अपने घर बलि वैश्य करने तथा क्षेत्रीय 33 गांव में गायत्री यज्ञ कराने का संकल्प लिया।
चार दिवसीय यज्ञ के दौरान यहां यज्ञशाला में करीब 175 दीक्षा, 5 यज्ञोपवीत, 50 पुंसवन, 15 नामकरण, 100 विद्यारंभ संस्कार हुए। राष्ट्र संवर्धन आहुतियां प्रदान करते समय शांतिकुंज हरिद्वार की टोली नायक जमुनाप्रसाद साहू ने कहा कि संकल्पित याजकों के सामूहिक यज्ञ की ऊर्जा राष्ट्र को समर्थ और शक्तिशाली बनायेगी। भारतीय संस्कृति के अनुसार राष्ट्र उपास्य है, इष्ट है। कई राज्यों विभिन्न उपासना पद्धतियों, विभिन्न भाषाओं एवम विभिन्न वेशभूषाओं के होते हुए भी भारत को राष्ट्र कहा गया है।
इस प्रकार राष्ट्र एक सांस्कृतिक शब्द है।हमारी भारत भूमि निर्जीव भूखंड नहीं है, एक चेतन सत्ता है, स्वर्गादपि गरीयसी है। इसी राष्ट्र को समर्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा यज्ञीय अनुष्ठान किया जा रहा है। यज्ञ के बाद कन्या भोज और महाप्रसादी में 5000 से अधिक लोगों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 50 स्वयंसेवकों की सेवा सराहनीय रही।
मुकेश व्यास ने इस सामूहिक यज्ञ अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने बाले भावनशील श्रद्धालुओं का ह्दय से आभार व्यक्त किया। उपरोक्त जानकारी प्रचार-प्रसार सेवक गायत्री परिवार झारड़ा के दिनेश पोरवाल ने दी।