महापौर के दो निर्देशों को घोलकर पी गए निगम अधिकारी
उज्जैन, अग्निपथ। दो साल से अधिक समय तक के प्रशासक कार्यकाल की निगम अधिकारियों को चढ़ी खुमारी अब तक नहीं उतर सकी है। यहीं वजह है कि महापौर मुकेश टटवाल के दो अहम निर्देशों को भी निगम के अधिकारी घोल कर पी गए। बुधवार शाम को हुई एमआईसी की बैठक में ये दोनों ही मुद्दे सामने आए तो अधिकारी बगले झांकने लगे। परिवार के मुखिया की तरह महापौर ने इन मुद्दो पर बात की और तेजी से काम करने के निर्देश दिए।
पहला मुद्दा मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़ा है। महापौर मुकेश टटवाल ने अपने कार्यकाल की शुरूआत में ही घोषणा की थी कि शहर में अब जिस किसी परिवार में मृत्यु होगी,उसके मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाईन आवेदन करने वालों को नगर निगम के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र उनके घर पहुंच जाएंगे। इस घोषणा को अब तक पूरी तरह से अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। एमआईसी की बैठक में यह मुद्दा सामने आया तो विभाग की प्रभारी अभिलाषा चौरसिया से जवाब तलब किया गया।
उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर इसे शुरू किया गया है। महापौर ने निर्देश दिए कि पूरे शहर में समान रूप से व्यवस्था जल्द लागू होना चाहिए। दूसरा मुद्दा, कार्तिक मेले की केंद्रीय समिति की बैठक से जुड़ा है। कार्तिक मेले के लिए केंद्रीय समिति के अलावा 20 उपसमितियां बनी है। केंद्रीय समिति की बैठक में इन उपसमितियों के 11 नोडल और सचिव पहुंचे ही नहीं थे। महापौर ने इन सभी को शोकॉज नोटिस देकर इनके जवाब एमआईसी की बैठक में प्रस्तुत करने को कहा था। बुधवार की शाम एमआईसी बैठक में ये जवाब भी नहीं रखे गए। यह जिम्मेदारी अपर आयुक्त वित्त आदित्य नागर की थी। मामले में जब आदित्य नागर से जवाब तलब किया गया तो वे कहने लगे कि अभी सभी कर्मचारियों के जवाब नहीं आए है। महापौर ने कहा- जवाब जब भी आए, एक साथ उन्हें एमआईसी की बैठक में रखा जाए।
मृत्यु प्रमाण पत्र कुछ जगहों पर घरों तक पहुंचाए भी गए है। मेले की समिति वाली बैठक से गैर हाजिर कर्मचारियों के जवाब आना अभी बाकी है। इन पर अगली किसी बैठक में चर्चा कर निर्णय लिया जाएग।
– मुकेश टटवाल, महापौर