उज्जैन,अग्निपथ। न्यायालय ने दहेज हत्या के करीब साढ़े चार साल पुराने प्रकरण में मंगलवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने एक लाख रुपए के लिए महिला को प्रताडि़त कर आत्महत्या के लिए उकसाने पर पति सहित तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि 15 अप्रैल २०18 को खाराकुंआ क्षेत्र निवासी कीर्ति कसेरा की फांसी लगाने से मौत हो गई थी। जांच में पुलिस को पता चला था कि कीर्ति को पति विकास कसेरा, ससुर रतनलाल,सास मुन्नीबाई एक लाख रुपए मायके से लाने के लिए मारपीट करते थे। इससे प्रताडि़त होकर कीर्ति ने आत्महत्या की है। पु ता प्रमाण मिलने पर पुलिस ने तीनों के साथ ही बुआ सास पदमाबाई के खिलाफ भी केस दर्ज किया था।
मामले में अब तक की सुनवाई के बाद नवम अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शौक ने मंगलवार को फैसला सुनाया। उन्होंने पति,सास व ससूर को दहेज प्रताडऩा कर आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई व चार हजार रुपए अर्थदंड दिया। साक्ष्य के अभाव में पदमा बाई को बरी कर दिया। मामले में शासन का पक्ष अपर लोक अभियोजक रविंद्र कुशवाह ने रखा।
हरिफाटक ब्रिज से युवती ने लगाई छलांग
उज्जैन, अग्निपथ। हरिफाटक ब्रिज से मंगलवार सुबह युवती ने छलांग लगा दी। परिजनों को पता चला तो जिला अस्पताल से उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। महाकाल थाना पुलिस ने बताया कि सुबह 8 बजे के लगभग हरिफाटक ब्रिज से युवती के छलांग लगाने की जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंची थी। युवती को लोगों की मदद से जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया था। परिजन जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंचे और हालत गंभीर होने पर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज लेकर चले गये। मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर युवती का नाम शिफा पिता सोहेल (25) निवासी नलियाबाखल होना सामने आया है। परिजन कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। युवती की हालत भी गंभीर होने पर उसके बयान दर्ज नहीं हो पाए है। एसआई मांगीलाल मालवीय का कहना था कि फिलहाल मामला जांच में है। युवती के साथ हादसा हुआ है या फिर उसने छलांग लगाई है, उसकी जानकारी बयान दर्ज होने पर ही सामने आ पाएगी।