शाजापुर, अग्निपथ। प्रदेश में किसानों का हालत बेहद दयनीय नजर आ रही है, क्योंकि मंडी पहुंचने पर किसानों को प्याज के अब भी सही दाम नही मिल पा रहे हैं। प्याज के दामों में गिरावट का आलम यह है कि मंडी पहुंचे किसान को प्याज बेचने के जेब से अतिरिक्त रुपए जमा कराने पड़े। किसान के द्वारा बेची गई प्याज का यह बिल अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ग्राम इकलेरा में रहने वाला किसान प्रकाश 1 दिसंबर को 7 क्विटल प्याज बेचने के लिए शाजापुर प्याज मंडी पहुंचा। यहां किसान से 40 रुपए बोरी के हिसाब से प्याज की खरीदी की गई। सूत्रों की मानें तो एक बोरी में करीब 45 से 50 किलो प्याज होती है, इस मान से किसान की प्याज 80 पैसे किलो के दाम पर खरीदी गई। 7 क्विंटल प्याज बेचने पर किसान का बिल 560 रुपए का बना, जिसमें से हम्माली के 112 और 20 रुपए अतिरिक्त खर्च के काटे गए। इसके बाद किसान के हिस्से में 428 रुपए आए, लेकिन भाड़ा 560 रुपए होने से किसान को बेची गई प्याज की राशि तो नही मिली बल्कि अपनी जेब से 132 रुपए अतिरिक्त प्याज खरीदने वाली फर्म को देने पड़े।
प्याज उगाकर मिले आंसू
इस वर्ष प्याज और लहसुन के औेंधे मुंह गिरे दामों ने किसानों की कमर तोडक़र रख दी है। किसानों की मानें तो इस बार उन्हे प्याज और लहसुन की खेती में लाभ की बजाय आंसू मिले हैं। लहसुन-प्याज के दाम शुरूआती दौर से ही कम रहे और जबकि अन्य फसल की तैयारियां की जा रही हैं तो तब भी किसानों को प्याज का सही दाम नही मिल पा रहा है। प्याज के बेहद कम दाम की वजह से लागत मूल्य तो बहुत दूर की बात मंडी तक का भाड़ा निकालना भी मुश्किल हो रहा है। किसानों ने अच्छी मुनाफे की उम्मीद से प्याज और लहसुन की खेती की थी। फसल का अच्छा उत्पादन होने के बावजूद भी नुकसान ही उठाना पड़ा है।