एक माह से ट्रैनिंग पर गए हवलदार को भी लाइन के आदेश
उज्जैन,अग्निपथ। नगर सुरक्षा समिति संयोजक पर जानलेवा हमले के आरोपी को नहीं पकड़ पाना नीलगंगा थाने के दो प्रधान आरक्षक को भारी पड़ गया। आरोपी के कोर्ट में पेश होने पर एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने दोनों को लाईन अटैच कर दिया। लाइन भेजने की कार्रवाई साईबर सेल के एक प्रधान आरक्षक पर भी हुई है।
सर्वविदित है बदमाश रोशन पासी ने मकान विवाद के चलते नीलगंगा थाने के नगर सुरक्षा समित संयोजक अशोक वर्मा पर 4 नवंबर को चाकू घोंप दिए थे। वारदात में उसका भाई सोनू व एक अन्य भी शामिल था। प्रकरण में पुलिस सोनू को नहीं पकड़ पाई थी और उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। एसएसपी शुक्ल ने इसे नाकाम मानते हुए नीलगंगा के प्रधान आरक्षक दिग्वीजय चौहान व राहुल कुशवाह को लाईन अटैच कर दिया। वहंी साईबर सेल में पदस्थ प्रधान आरक्षक महेश जाट को भी लाईन भेजने के आदेश दे दिए। याद रहे वर्मा पर हमले के कारण पुलिस प्रशासन ने 5 नवंबर को रोशन का मकान भी तोड़ दिया था।
प्रधान आरक्षक ने कहा रिजाईन करुंगा
प्रधान आरक्षक महेश जाट ने बताया कि बताया कि वह प्रमोशन कोर्स के लिए 1 नवंबर से डीआरपी लाईन में 35 दिन की ट्रैनिंग पर है। उन्हें साईबर सेल की ओर से भेजा गया है। उन्हें नहीं मालूम की किस कारण उन्हें लाइन भेजने के आदेश हुए है। वहंीं दिग्वीजय ने बताया कि बिना कारण सजा से वह आहत है और इसीलिए अब रिजाईन कर देंगे।
प्रतिस्पर्धा में सजा
सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिसकर्मी थानों में अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रतिद्वंदी मानते है। इसलिए वह उनके संबंध में सीएसपी विनोद कुमार मीणा को गलत जानकारी देते है। इसी का परिणाम तीनों प्रधान आरक्षकों को सजा मिली है।
तीनों प्रधान आरक्षक टास्क पूरा नहीं कर रहे थे। उन्हें सीएसपी के प्रतिवेदन पर लाईन अटैच किया गया है।
– सत्येंद्र कुमार शुक्ल,एसएसपी