वन विभाग ने सडक़ बनाई,आरईएस ने लीपापोती कर 10 लाख की चपत लगा दी

लोकायुक्त जल्द कर सकती है छह अफसर सहित 9 लोगों पर केस दर्ज

उज्जैन,अग्निपथ। आरईएस के आधा दर्जन अफसर 9 लोगों को 10 साल पहले किया सडक़ घोटाला भारी पडऩे वाला है। बागली क्षेत्र में हुई धांधली में लोकायुक्त जल्द प्रकरण दर्ज कर सकती है। हुआ यू था कि वन विभाग ने सडक़ बनाई तो दो कंपनियों ने आरईएस की मदद से उसी जगह दूबारा सडक़ बनाना दर्शा सरकार को 10 लाख की चपत लगा दी थी।

भोपाल लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार वन विभाग ने 20 नवंबर 2012 को बागली क्षेत्र स्थित ग्राम धावडिय़ा से बावरीखेड़ा तक करीब ढाई किमी लंबी सडक़ बनाई थी। इस निर्माण के कुछ दिन बाद ही आरईएस ने कृष्णा कंसलटेंसी व कराड़ा कंस्ट्रक्शन से उसी जगह पर फिर सडक़ बनाना बता दिया। आरईएस ने सडक़ बनाने के एवज में दोंनों कंपनियों को 10 लाख का बील भी पास कर दिया। शिकायत होने पर जांच की तो पता चला दोनों कंपनियों ने आरईएस के तात्कालीन कार्यपालन यंत्री जेपी गौड़,डीव राणा,पीएस तोमर एसडीओ एसएस सोलंकी सब इंजीनियर बीके आशापूरे व केएस दत्ता की मदद से सडक़ घोटाला किया है। नतीजतन कृष्णा कंसलटेंसी के सुधीरसिंह,राजेश गंगेले व कराड़ा कंस्ट्रक्टशन के कृष्ण कांत कराड़ा के साथ सभी अफसरों के खिलाफ जल्द ही केस दर्ज किया जा सकता है।

किसान ने खोली थी पोल

बागली में वन विभाग के सडक़ बनाने के कुछ माह बाद ही दोनों कंपनियों ने उक्त सडक़ पर मात्र लिपापोती कर दी थी। उन्होंने अधिकारियों की मदद से ही सडक़ के बील भी पास करवा लिए थे। आरईएस के सडक़ निर्माण का दावा करने पर ग्राम चापड़ा के श्रीराम राठौर ने लोकायुक्त भोपाल में शिकायत की थी।

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