उज्जैन, अग्निपथ। माउंट एवरेस्ट और चौथी सबसे उंची चोटी माउंट लोत्से पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर तिरंगा फहराने वाली पर्वतारोही नैनासिंह ने रविवार को भगवान महाकाल के दर्शन किये। वह परिवार सहित भगवान महाकाल के दर्शन के लिये आई थीं। नंदीहाल में उन्होंने कुछ देर बैठकर भगवान महाकाल का जाप भी किया। दैनिक अग्निपथ से बातचीत में उन्होंने बताया कि हाल ही में राष्ट्रपति द्रोपती मुमुर् ने उनको लैंड एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया है।
नैनासिंह ने बताया कि बस्तर के एक छोटे से आदिवासी बहुल गांव टाकरागुड़ा की रहने वाली हैं। उन्होंने पिछले साल जून में एक से 10 तारीख के बीच दुनिया की आसमां को छूती सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट और चौथी सबसे उंची चोटी माउंट लोत्से पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर तिरंगा फहराया था। दस दिनों में हासिल की गई इस बड़ी उपलब्धि पर उनका चयन वर्ष 2021 के लिए तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के अंतर्गत लैंड एडवेंचर अवार्ड के लिए किया गया था।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित खेल पुरस्कार सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने नैना सिंह धाकड़ को 13 नवम्बर को अवार्ड से सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल के दर्शन कर बहुत अभिभूत हूं। भगवान महाकाल ने चाहा तो वह दोबार उनके दर्शन के लिये आयेंगी।
10 किलो चांदी का मुकुट, पाट, जलपात्र दान
चंदेरी भोपाल निवासी ओमप्रकाश और राकेश सोनी ने पुजारी बाला गुरु की प्रेरणा से 7 किलो 644 ग्राम चांदी का मुकुट, पाट, कमल पात्र भगवान महाकाल को दान किया। इसी तरह नासिक निवासी सुरेश और अर्जुन दीवान ने पुरोहित लोकेन्द्र व्यास की प्रेरणा से भगवान महाकाल को 2 किलो 849 ग्राम चांदी का जलपात्र दान किया। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने दान ग्रहण किया।