उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के नजदीक बड़ा गणेश मंदिर की घाटी पर बने दो ओर मकानों को सोमवार को राजस्व विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने हटा दिया है। दोनों ही मकान एक ही परिवार के थे। इस घाटी पर अब केवल एक ही मकान शेष रह गया है जिस पर हाईकोर्ट का स्थगन है।
गत शुक्रवार को ही राजस्व विभाग के वकीलों द्वारा जिला न्यायालय में तर्क पेश करने के बाद न्यायालय से दो मकानों का स्थगन आदेश वापस हो गया था। विनोद मिल की चाल को खाली कराने की मुहीम की वजह से महाकालेश्वर के नजदीक के इन दो मकानों को हटाने की कार्यवाही में देरी हुई। सोमवार दोपहर में एसडीएम कल्याणी पांडेय की अगुवाई वाली टीम मशीनें लेकर यहां पहुंची और दोनों ही मकानों को जमीदोज कर दिया। इनमें से एक मकान में दसभुजानाथ गणपति भगवान का मंदिर बना हुआ है।
मकान मालिक पुष्पा पिता बाबूराव मराठा अधिकारियों से गुहार लगाती रही कि मंदिर को यथावत ही रहने दिया जाए और हमें यहां पूजन का अधिकार दिया जाए। राजस्व के अधिकारियों ने इस मांग को सुना-अनसुना कर दिया। मराठा परिवार को कहा गया कि आप मंदिर की प्रतिमा ससम्मान अपने साथ ले जाए। एसडीएम कल्याणी पांडेय के अनुसार शाम तक यह परिवार भगवान की प्रतिमा अपने साथ ले जाने के लिए राजी हो गया, इन्हें मंदिर हटाने के लिए मंगलवार तक का समय दिया गया है।
अब केवल मकान ही शेष
महाकाल घाटी के नजदीक वर्षो से बने कुल 9 मकान राजस्व टीम द्वारा चिन्हित किए गए थे। इन्हें अतिक्रमण माना गया है, लिहाजा किसी भी मकान को हटाने के एवज में मुआवजा नहीं दिया गया। तीन अलग-अलग कार्यवाही में पहले एक, फिर 5 और अब 2 मकानों को बड़ा गणेश घाटी से हटा दिया गया है। अब केवल एक ज्योर्तिविद प. आनंद शंकर व्यास का मकान ही यहां शेष रह गया है। इस मकान पर हाइकोर्ट का स्थगन आदेश है। इस स्थगन को भी वापस कराने के लिए राजस्व के वकील प्रयासरत है।