कोई डांटने तो कोई कल्याण का आशीर्वाद देने वाला, कोई दिगम्बर तो कोई वाघाम्बर छाल में लिपटा हुआ
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर भगवान महाकाल का धाम, उनका निवास है। यहां पर उनके गण भी आसपास घूमकर अपनी श्रद्धा को प्रबल करने का प्रयास कर रहे हैं। श्रद्धालु इनके आकर्षण में बंधकर दर्शन कर आशीर्वाद ले रहे हैं। इनके स्वभाव भी अलग अलग हैं। कोई जबरन श्रद्धालुओं को डांटता फटकारता तो कोई दिगम्बर अवस्था में आशीर्वाद देता। सभी भगवान महाकाल की स्तुति करने प्रतिदिन महाकालेश्वर मंदिर में आते हैं।
संन्यासी सम्प्रदाय से जुड़े साधुओं को महाकालेश्वर मंदिर में देखा जा सकता है। कोई भगवान महाकाल के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं से मिलता है तो कोई दूर से ही स्तुति कर उनके आंगन में बैठकर श्रद्धालुओं को आनंदित कर रहा है। श्रद्धालु भी आकर्षण में भरे इनके पास पहुंचकर अपनी परेशानियों को बता रहे हैं। उनको आध्यात्म की दृष्टि से उपाय बताकर उनके मन की जिज्ञासा को शांत कर रहे हैं। सुबह भस्मारती के बाद इन महाकाल के गणों का मंदिर में आना जाना शुरू हो जाता है।
कोई मंदिर परिसर में बैठा हुआ नजर आता तो कोई निर्गम गेट के पास श्रद्धालुओं की जिज्ञासा शांत करता दिखाई दे रहा है। एक बाबा तो ऐसे हैं, जोकि दिगम्बर वेशभूषा में मंदिर आते हैं। किसी से कुछ मांगते नहीं। जो दे देता है..ले लेते हैं। तो कोई वैसे ही दिगम्बर वेश में श्रद्धालुओं के बीच अपना मान बढ़ाने के लिये चहल कदमी करता नजर आता है। तो कोई सांईबाबा की वेशभूषा रख बैठा नजर आता है।
बाबाओं के साथ सेल्फी खिंचाने का शौक
सेल्फी के इस जमाने में श्रद्धालु जब इन बाबाओं के पास पहुंचते हैं तो वे उनके साथ अपना फोटो खिंचाने का प्रयास करते हैं। कुछ बाबा तो फोटो खिंचवा लेते हैं, लेकिन कई बाबा ऐसे हैं जोकि श्रद्धालुओं को डांट फटकार कर भगा देते हैं। कुछ साधु अपने पास रखी हुई भस्म का प्रसाद श्रद्धालुओं को लगातार बांटते रहते हैं। जनकल्याण की भावना के साथ इन बाबाओं का भगवान महाकाल के दरबार में दिखाई देना सचमुच श्रद्धालुओं को आकर्षित और आनंदित करता है।