भोग आरती के बाद गर्भगृह में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के कारण बिगड़ रही थी व्यवस्था
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भोग आरती के बाद नंदीहाल से गर्भगृह में प्रवेश करने वाले श्रद्धालु व्यवस्था बिगाड़ रहे थे। आरती के तुरंत बाद गर्भगृह में प्रवेश करने को आतुर इन श्रद्धालुओं के कारण गणपति मंडपम और कार्तिकेय मंडपम से श्रद्धालुओं को ठीक से दर्शन नहीं हो पा रहे थे। खबर पर संज्ञान लेकर मंगलवार को इस व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया गया।
भोग आरती के बाद नंदीहाल से गर्भगृह में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं का जत्था गर्भगृह में पहले प्रवेश करने का प्रयास करता है। लिहाजा गर्भगृह की व्यवस्था सुचारू करने से पूर्व ही श्रद्धालु गर्भगृह की ओर कूच कर दर्शन में बाधा पहुंचा रहे थे। दैनिक अग्निपथ ने इस समाचार को सोमवार को प्रकाशित कर अपने दायित्व का निर्वहन किया।
समाचार प्रकाशित होने के बाद मंगलवार को इस पर संज्ञान लेते हुए सहायक प्रशासक प्रतिक द्विवेदी ने व्यवस्था को सुधारते हुए नंदीहाल से गर्भगृह की ओर कूच करने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह गलियारे में लगे हुए बेरिकेड्स में भर दिया। इस तरह से शिवलिंग और पीछे गणपति और कार्तिकेय मंडपम से दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन होते रहे।
प्रतिदिन 12.01 बजे 1500 का काउंटर बंद
शनिवार, रविवार और सोमवार को सामान्य श्रद्धालुओं के गर्भगृह से दर्शन प्रतिबंधित रहते हैं। इसके बावजूद प्रतिदिन 1500 रु. के अन्नक्षेत्र वाले काउंटरों पर श्रद्धालुओं को दोपहर 12.01 मिनट तक टिकट बांटे जा रहे हैं। मंगलवार को सामान्य श्रद्धालुओं के गर्भगृह से दर्शन शुरू होने थे। इसके बावजूद दोपहर इस समयावधि में टिकट बांटकर श्रद्धालुओं को बाबा के निकट से दर्शन करवाये गये। प्रभारी चंद्रेश शर्मा ने बताया कि टिकट विंडो 12 बजे से पहले बंद नहीं किया जाता। सभी श्रद्धालुओं को आसानी से टिकट उपलब्ध हो जायें, इसके प्रयास किये जाते हैं।