आखिर कहां गए बेघर लोग…
एस. एन. शर्मा
विनोद मिल चाल के नेस्तनाबूद होने के बाद वहां से जाने वाले बेघर बार लोगों को जिला प्रशासन ढूंढ रहा है आखिर कहां गए वह लोग विनोद मिल चाल में लगभग 70-80 वर्षों से रह रहे 160 परिवार मकान तोड़े जाने के बाद घर से बेघर हो गए।
इस मानव पीड़ा का दर्द कहीं ना कहीं प्रशासन के साथ-साथ शहर के हजारों रहवासियों को भी हो रहा था। किंतु न्यायालय संवेदना के आधार पर निर्णय नहीं कर स्थिति परिस्थिति एवं साक्ष्य केआधार पर निर्णय करता है और उस निर्णय के पालन में जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई की गई। फिर भी जिले के संवेदनशील मुखिया आशीष सिंह द्वारा घर तोड़े जाने के पहले उनको बसाने की योजना बनाकर अपनी प्रशासनिक टीम के बेहतरीन खिलाड़ी एडीएम संतोष टैगोर एवं एसडीएम कल्याणी पांडे को मैदान में उतारा जिन्होंने बड़ी सूझबूझ संयम एवं दुख दर्द को बांटते हुए बिना किसी हंगामे विवाद के शालीनता से पूरी बस्ती को खाली करवा दिया।
मुखिया द्वारा अपनी भरोसेमंद टीम को निर्देशित किया गया था कि बेघर होने वाले लोगों को तुरंत ही घर प्रदान किया जाए योजना अनुसार सभी 160 परिवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों की कॉलोनियों एवं नगर निगम द्वारा बनाई जा रही मल्टीओ में आवास अलॉट कर दिए गए। प्रशासन द्वारा सुरासा क्षेत्र स्थित मल्टी में 25 परिवार को एवं इसी तरह एक अन्य मल्टी में 33 परिवारों को मकान तत्काल अलॉट कर दिए थ। सुरासा मल्टी में तो सभी ने अपना परिवार बसा लिया, किंतु 33 परिवारों में से मुश्किल से २-3 परिवार ही वहां रहने गए हैं।
इसी प्रकार अन्य कालोनियों में भी शत प्रतिशत लोग अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं। उनके द्वारा अपनी सुविधानुसार शहर के अन्य क्षेत्रों में अपने रहने की व्यवस्था कर ली गई है। आज जनसुनवाई में भी ऐसा कोई परिवार उपस्थित नहीं हुआ जिसे आवास की सुविधा प्राप्त नहीं हुई हो।