उज्जैन जनपद पंचायत में शपथ का रास्ता साफ

कलेक्टर ने प्रथम सम्मेलन के आयोजन पर लगी रोक हटाई

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन जनपद पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस के प्रतिनिधियों की शपथ का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को जिला निर्वाचन अधिकारी सह कलेक्टर के न्यायालय से जनपद सम्मेलन के प्रथम सम्मेलन पर जारी किया गया स्थगन आदेश वापस ले लिया गया है। चुनाव की प्रक्रिया पर भाजपा प्रतिनिधियों की ओर से लगाई गई अपील पर सुनवाई जारी रहेगी लेकिन जनपद में कांग्रेस का बोर्ड भी काम करता रहेगा। 13 दिसंबर से पहले उज्जैन जनपद का पहला सम्मेलन और अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की शपथ विधि कराना अनिवार्य हो गया है।

उज्जैन जनपद में भाजपा बहुमत में है लेकिन आपसी फूट की वजह से यहां अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं बना सकी है। बहुमत के बावजूद अध्यक्ष- उपाध्यक्ष का चुनाव हारने को लेकर भाजपा से जुड़े जनपद सदस्यों द्वारा हाइकोर्ट में अपील की गई थी। हाईकोर्ट इंदौर बैंच में अपील खारिज होने के बाद कलेक्टर न्यायालय में दोबारा चुनाव याचिका दायर की गई। कलेक्टर आशीषसिंह ने चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए उज्जैन जनपद पदाधिकारियों की शपथ विधि और प्रथम सम्मेलन पर रोक लगा दी थी। बुधवार को यह रोक हटा दी गई है।

14 नवंबर को जनपद चुनाव की अधिसूचना जिला निर्वाचन कार्यालय से जारी हो चुकी है, इससे एक महीने की अवधि में यानि 13 दिसंबर से पहले जनपद का पहला सम्मेलन आहूत करना अनिवार्य है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए रोक हटाई गई है। गौरतलब है कि 27 जुलाई को उज्जैन जनपद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था। इस चुनाव में अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की विद्याकुंवर देवेंद्र सिंह पंवार और उपाध्यक्ष के रूप में कांग्रेस के नासिर पटेल ने चुनाव जीत लिया था। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर चुनाव की प्रक्रिया को भाजपा सदस्यों की तरफ से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाइकोर्ट द्वारा निर्देशित किया गया कि पहले अपनी अपील जिला निर्वाचन कार्यालय में लेकर जाए। इसके बाद कलेक्टर न्यायालय में अपील दायर की गई थी।

ताकतवर हुआ वशिष्ठ खेमा

उज्जैन जनपद में 25 वार्ड आते है। इस जनपद में भाजपा समर्थित कुल 13 सदस्य चुनाव जीते थे, कांग्रेस समर्थित 12 सदस्यों को चुनाव में जीत हांसिल हुई थी। भाजपा के पास बहुमत लायक संख्या होने के बावजूद अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस की विद्याकुंवर देवेंद्र पंवार को 12 वोट मिले थे जबकि उनके विरूद्ध चुनाव लड़ी भाजपा की भंवरीबाई को एक भी वोट नहीं मिल सका था। उज्जैन जनपद में कांग्रेस के जितने सदस्य जीते है, उनमें अधिकांश महावीर प्रसाद वशिष्ठ, राजेंद्र वशिष्ठ खेमे से ताल्लुक रखते है। जनपद पर कब्जे के बाद यह दोबारा से ताकतवर हुआ है।

उज्जैन जनपद में ठप्प पड़े विकास कार्यो में तेजी आ सकेगी। सभी को साथ लेकर जनपद क्षेत्र में विकासकार्य करेंगे।

– विद्याकुंवर देवेंद्र सिंह, अध्यक्ष जनपद उज्जैन

चुनाव याचिका पर कभी स्थगन नहीं होता है, कांग्रेस की राह में कई सारे रोड़े डालने की कोशिश की गई, अंतत: जीत सत्य की ही हुई।

– राजेंद्र वशिष्ठ, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

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