आपसी फूट में भाजपा को नीचे देखना पड़ा, हाइकोर्ट से दोबारा खारिज हुई अपील, आज शपथ
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन जनपद में भाजपा के लिए शर्मनाक स्थिति बन गई है। बहुमत के बावजूद भाजपा जनपद में अपना बोर्ड नहीं बना सकी। जनपद में हार के फैसले को बदलने के लिए हाईकोर्ट फिर कलेक्टर न्यायालय और फिर से हाईकोर्ट में भाजपा समर्थित सदस्यों को नीचा देखना पड़ गया है। सोमवार को भाजपा समर्थित सदस्यों की ओर से हाईकोर्ट में लगाई गई अपील खारिज हो गई है। इस फैसले के तत्काल बाद जनपद सीईओ ने भी सम्मेलन बुलाने का आदेश जारी कर दिया। 13 दिसंबर, मंगलवार की दोपहर 12 बजे जनपद का प्रथम सम्मेलन और शपथ विधि होगी।
उज्जैन जनपद में कब्जे की जंग अब तक रोचक रही है। जनपद के कुल 25 वार्डो में से 13 पर भाजपा समर्थित सदस्यों का कब्जा है, इसके बावजूद आपसी फूट में भाजपा के सदस्य अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में वोट ही नहीं डाल सके थे। कांग्रेस की विद्याकुंवर ने अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया था जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए नासिर पटेल निर्विरोध अध्यक्ष बन गए थे।
अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया को भाजपा की ओर से अध्यक्ष का चुनाव लड़ी भंवरीबाई व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने इनकी अपील खारिज कर कलेक्टर सह जिला निर्वाचन कार्यालय में अपील करने को कहा। जिला निर्वाचन कार्यालय में इनकी अपील पर सुनवाई अभी जारी है लेकिन अधिसूचना का प्रकाशन होने की वजह से कलेक्टर को प्रथम स्थगित सम्मेलन पर दिया गया स्थगन वापस लेना पड़ा।
कलेक्टर के इस फैसले के बाद भाजपा समर्थित सदस्यों ने फिर से हाईकोर्ट में अपील की थी। सोमवार को हाईकोर्ट में जस्टिस पी.के. शुक्ला के समक्ष अपील पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने भाजपा समर्थित सदस्यों की अपील खारिज कर दी है।
आज होगा जनपद का प्रथम सम्मेलन
जनपद में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन की अधिसूचना 14 नवंबर को जारी हो चुकी थी। निर्वाचन नियमों के अनुसार इस अवधि से 30 दिन के भीतर प्रथम सम्मेलन बुलाना अनिवार्य है। कलेक्टर न्यायालय ने प्रथम स्थगित सम्मेलन पर लगी रोक हटा दी है और हाईकोर्ट से भी अपील खारिज हो गई है लिहाजा जनपद सीईओ हेमलता शर्मा ने सोमवार दोपहर ही सम्मेलन बुलाने संबंधी आदेश जारी किया। मंगलवार दोपहर 12 बजे जनपद का प्रथम सम्मेलन आयोजित किया जाना है।