आलोट नगर परिषद की हंगामेदार बैठक
आलोट, (दिनेश त्रिवेदी) अग्निपथ। नगर परिषद की गुरुवार को हुई दूसरी बैठक हंगामेदार रही। वित्तीय व प्रशासनिक कार्यों की मंजूरी के लिए नप अध्यक्ष व नामांतरण प्रकरणों की मंजूरी के लिए पीआईसी के माध्यम से देने को लेकर सत्ताधारीदल भाजपा के दो पार्षदों सहित सात पार्षदों ने विरोध जताया। विवाद के दौरान कांग्रेस पार्षद ने नगर सरकार की मुखिया को जेल होने की धमकी तक दे डाली। जिस पर नगर परिषद अध्यक्ष ने दो टूक कहा कि नगर विकास के लिए जेल जाना पड़े तो वे इसके लिए भी तैयार हैं।
परिषद की दूसरी बैठक में पिछली बैठक के शेष विषयों को चर्चा में शामिल न करने को लेकर विवाद शुरू हुआ। सत्ताधारी बीजेपी के पार्षद व परिषद उपाध्यक्ष के अलावा एक महिला पार्षद, चार कांग्रेसी व एक निर्दलीय पार्षद ने एजेंडे के प्रस्तावित बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज करवाते हुवे हंगामा किया। दरअसल, नई नगर परिषद के गठन के बाद हुई पहली बैठक में भाजपा के एक पार्षद व तत्कालीन दरोगा के बीच विवाद होने से बैठक समय पूर्व स्थगित करना पड़ी थी।
उस बैठक के एजेंडे में शामिल 48 में से सिर्फ18 बिंदुओं पर ही चर्चा हो पाई थी। शेष बिंदुओं पर अगली बैठक में चर्चा होनी थी। दूसरी बैठक में जब नाराज पार्षदों ने अध्यक्ष व सीएमओ से बात की तो उन्होंने बिंदुओं को समाप्त करने की बात कही जिससे सातों पार्षद भडक़ गए।
इसी बीच अध्यक्ष को वित्तीय एवम प्रशाशनिक कार्यो के लिए अधिकृत करने एवं नामांतरण प्रकरणों को पीआईसी के माध्यम से स्वीकृत करने के अधिकार देंने के मुद्दे पर परिषद का माहौल फिर गर्मा गया। इस मुद्दे पर 8 पार्षदों ने सहमति दी वही 7 पार्षद जिसमे दो सत्तापक्ष के थे ने असहमति देकर इस निर्णय पर विरोध जताया।
नपा अध्यक्ष के जवाब पर बजी तालियां
इसी बीच कांग्रेस के पार्षद अमित चौधरी ने अध्यक्ष को नियम विपरीत निर्णय लेने पर एफआईआर व जेल जाने तक की चेतावनी दे डाली। जिस पर परिषद की महिला अध्यक्ष ने कहा कि नगर विकास के मुद्दे पर मुझे जेल भी जाना पड़ेगा तो मैं उसके लिए तैयार हूं लेकिन हर हाल में नगर का विकास अवरुद्ध नही होने दूँगी। जिसपर समर्थक पार्षदों की तालियां हाल में बज उठी।
इन्होंने जताई आपत्ति
परिषद के 15 पार्षदों में से 7 पार्षदों जिनमें निर्दलीय पवन शर्मा, भाजपा से रीना भरावा, उपाध्यक्ष महेंद्रसिंह सोलंकी एवं कांग्रेस से सोना निगम, मधु नागेश खारोल, अमित चौधरी, शमीम बी ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को लिखित पत्र प्रस्तुत कर आपत्ति जताई। उन्होंने बताया कि परिषद की पिछली बैठक के शेष विषयों को नगर परिषद अध्यक्ष एवं सीएमओ की हठधर्मिता के कारण बैठक को समाप्त लिखकर अगला एजेंडा लागू किया गया। जबकि नगर परिषद विधान के अनुसार स्थगित बैठक के बचे विषयों को लेकर अगली बैठक प्रारंभ की जाना चाहिए थी जो नहीं किया गया। वहीं पार्षदों द्वारा दिए गए अभिमत को नगर परिषद की प्रोसीडिंग में तोड़ मरोड़ कर लिखा गया। ऐसा करना परिषद की भावनाओं का अपमान है।
नगर परिषद एक्ट का उल्लंघन
बैठक में वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति के लिए अध्यक्ष को अधिकृत करने तथा नामांतरण प्रकरण पीआईसी में रखने जैसे मुद्दे का हमने पुरजोर विरोध किया। विरोधी पक्ष के सभी सातों पार्षदों ने अपने लिखित प्रतिवेदन में बताया कि नगर परिषद ऐक्ट की धारा 150,151 के अनुसार नामांतरण प्रकरण परिषद में होना चाहिए। वर्तमान में नामांतरण प्रकरणों के लिए लिए जनता परेशान हो रही है। 2017 के नामांतरण भी अटके पड़े हुए हैं। ऐसे में उक्त प्रकरण परिषद की सहमति से किए जाने चाहिए थे। लेकिन नगर परिषद अध्यक्ष एवं कुछ पार्षद इसे पीआईसी में करना चाहते हैं जो नगर परिषद एक्ट का उल्लंघन है ।
इस पूरे मामले को लेकर सीएमओ चंद्रशेखर सोनीस ने कहा कि आज परिषद की दूसरी बैठक संपन्न हुई है बैठक में बहुमत से सभी प्रस्ताव पास कर दिए गए हैं। नगर विकास के कार्य के लिए परिषद कटिबद्ध है सभी विकास कार्य शीघ्र ही शुरू करवाए जाएंगे ।