धार, अग्निपथ। ससुराल लौटने के लिए बस का इंतजार कर रही महिला को गाड़ी पर बैठाकर ले जाने के बहाने दुष्कर्म करने वाले देवर को कोर्ट ने 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामले में कोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियुक्त ने अपने भाई की पत्नी के साथ दुष्कर्म किया है जो न सिर्फ एक महिला के प्रति अपराध है, बल्कि वैश्वासिक संबंधों पर भी कुठाराघात है। जो क्षमा कीये जाने योग्य नहीं है।
धार जिले के सरदारपुर न्यायालय में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश राधाकिशन मालवीय ने यह टिप्पणी दुष्कर्म के एक प्रकरण में आरोपी को दंडादेश सुनाकर अपने निर्णय में की गई है। शुक्रवार को न्यायाधीश मालवीय ने दुष्कर्म के प्रकरण में विचारण पूर्ण कर आरोपी करण सिंह उर्फ पन्नालाल पिता लीमजी निवासी ग्राम चोटिया बालोद, तहसील सरदारपुर को दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा पाँच हजार रु के अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन के मुताबिक 30 मई 2019 को पीडि़ता ने थाना अमझेरा में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपने मायके से ससुराल जाने के लिए बस से सरदारपुर आई थी। यहां से गांव जाने के लिए बस के इंतजार में स्टैण्ड पर बैठी थी। तभी 3 बजे मामा ससुर का लडक़ा आरोपी पन्नालाल निवासी-चोटिया बालोद मोटरसायकल लेकर आया और पूछा कि भाभी कहाँ जा रही हो। पीडि़ता द्वारा ससुराल जाने की बात कहने पर आरोपी बोला कि मैं भी मोटरसाइकिल से उधर ही जा रहा हूं आपको रास्ते में छोड़ दूंगा।
नजदीकी रिश्तेदारी होने से पीडि़ता ने पन्नालाल की बात पर विश्वास कर उसकी मोटरसायकल पर बैठ गई। पन्नालाल पीडि़ता को बड़वेली से आगे तालाब के कच्चे रास्ते पर मोटरसायकल ले गया और थोड़ी दूर ले जाकर मोटरसायकल रोक दी। और पीडि़ता के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और फिर मोटरसायकल पर बैठाकर उसके गांव के बाहर छोड़ दिया। पीडि़ता ने घर आकर घटना की बात उसने अपने पति, सास-ससुर और मामा ससुर को बताई जिन्हें साथ लेकर थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत की गई साक्ष्य को विश्वसनीय मानते हुए गुण दोष पर प्रकरण में आरोपी को दुष्कर्म का दोषी पाते हुए दस वर्ष के सश्रम कारावास तथा पांच हजार रु के जुर्माने का आदेश किया है। अभियुक्त द्वारा जुर्माना अदा न किए जाने की दशा में पृथक से कारावास भुगताए जाने का आदेश भी किया है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक वीरेंद्र शर्मा ने की।