महाकालेश्वर मंदिर में फीडबैक के दौरान दर्शनार्थियों ने कबूली लेनदेन की बात
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों भस्मारती में खूब लेनदेन का खेल चल रहा है। मुंबई निवासी चार श्रद्धालुओं को बिना अनुमति प्रवेश देकर उनसे 6 हजार रुपये वसूल लिये गये। इस बात से श्रद्धालु खफा हो गये। जब उनके पास मंदिर से फीडबैक लेने के लिये फोन गया तो श्रद्धालु ने अपने साथ हुई ठगी की वारदात को कबूल लिया। मंदिर प्रबंध समिति 11 दिसम्बर रविवार का वीडियो फुटेज निकलवाये तो मामले का पर्दाफाश हो सकता है।
महाकालेश्वर मंदिर में अब भस्मारती का आडियो वायरल हुआ है। इस आडियो में मंदिर कर्मचारी गणेश मोरे नाम के व्यक्ति के साथी से फीडबैक ले रहा है। साथी बता रहा है कि गणेश मोरे नाम के व्यक्ति मुंबई चले गये हैं। उनके मोबाइल नंबर 9920150300 पर फोन कर उनके साथ हुई ठगी के बारे में बात की जा सकती है। बातचीत में साथी बता रहा है कि उनके साथ चिटिंग हुई है। उसका कहना है कि 1500 रु. प्रति व्यक्ति के मान से पैसा लिया गया है। इस तरह चार लोगों के लिये 6 हजार रुपये की वसूली की गई है।
हालांकि श्रद्धालुओं को भस्मारती के लिये प्रवेश भी दिया गया और उन्होंने भस्मारती भी देखी। लेकिन उन्होंने अपने मन की बात फीडबैक के दौरान कह दी। उनका कहना है कि रविवार 11 दिसम्बर की रात 2.40 से 3 बजे के बीच के वीडियो फुटेज चैक किये जायें तो स्पष्ट हो जायेगा कि उनके साथ ठगी की गई है।
सुरक्षाकर्मी ने लगाया लाइन में
आडियो में फीडबैक देने वाला व्यक्ति बता रहा है कि उनको सुरक्षाकर्मी ने भस्मारती में प्रवेश देने के लिये लाइन में लगाया। जिस व्यक्ति ने लाइन में लगवाया उसका मोबाइल नंबर भी सुरक्षाकर्मी ने लिया है। ऐसे में एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि रात्रिकालीन भस्मारती में ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मी अधिकारियों के नहीं होने पर किस तरह से श्रद्धालुओं को लूट रहे हैं। इनमें क्यूआर टीम के कर्मचारी भी शामिल हैं।
अधिकारी भस्मारती में नहीं कर रहे चैकिंग
जानकारी में आया है कि भस्मारती का फीडबैक लेने के दौरान जो भी शिकायतें कर्मचारियों को प्राप्त होती हैं। इन शिकायतों को एक रजिस्टर में दर्ज कर लिया जाता है। ऐसी ढेरों शिकायतें रजिस्टर में पेंडिग पड़ी हुई हैं। लेकिन इन पर संज्ञान लेने वाले अधिकारियों की कमी नजर आ रही है। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी कार्य तो अच्छा कर रहे हैं। लेकिन उनकी फील्ड में पकड़ कम होने के कारण ऐसे दलाल सक्रिय होकर श्रद्धालुओं से ठगी कर रहे हैं। ज्ञात रहे कि पूर्व प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ रात्रि में औचक निरीक्षण करते थे। जिसके चलते दो नंबर का काम करने वाले कर्मचारियों में उनका भय बना हुआ था।