लॉक डाउन के वक्तब्रिडर के फार्म हाउस से मिले थे 15 पेट्स डॉग, कोर्ट के आदेश पर पीएफए से बुलवाए
उज्जैन,अग्निपथ। माधवनगर थाने में सोमवार को पेट्स डॉग के एक मामले को लेकर हंगामा हो गया। वजह करीब आठ माह पहले एक ब्रिडर के फार्म हाउस से बरामद 15 पेट्स डॉग की सुपुदर्गी को लेकर कोर्ट का आदेश है। नानाखेड़ा थाने के इस प्रकरण में पुलिस ने पीएफए पीपल्स फॉर एनिमल से सभी जब्त हाईब्रिड डॉग बुलवाए थे। हालांकि बाद में पुलिस ने डॉग का मेडिकल परीक्षण करवाया। कोर्ट अब मामले में मंगलवार को सुनवाई करेगी।
इंदौर रोड पर मगरिया गांव में ब्रिडर रंजीतसिंह सिसोदिया का फार्म हाउस है। अप्रैल २०२० में प्रशासन ने पीएफए की शिकायत पर फार्म हाउस से बुरी हालत में विदेशी नस्ल के 15 हाईब्रिड डॉग बरामद कर सिसोदिया के खिलाफ नानाखेड़ा थाने में केस दर्ज किया था। उन्होंने डॉग पीएफए के हवाले किए थे। देखरेख के लिए अस्थाई तौर पर डॉग संस्था ने सदस्यों को सौंप दिए थे। सिसोदिया ने डॉग वापसी के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया। कोर्ट ने डॉग जब्त कर उनकी हालात की रिपोर्ट पेश करने आदेश दिए थे। नतीजतन पुलिस के बुलाने पर पीएफए सदस्य डॉग लेकर थाने पहुंचे। यहां पीएफआई प्रदेश पदाधिकारी स्वाति गौरव की मीडिया व पुलिस से तीखी नोकझोंक हो गई। बाद में एसआई वेदप्रकाश साहू संस्था सदस्यों के साथ डॉग लेकर लालपुर वेटनरी हॉस्पिटल पहुंचे। यहां डाक्टर स्वाति श्रीवास्तव व डॉ. बर्वे ने डॉग का परीक्षण कर स्वस्थ बताया। साहू ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी। सीजीएम तृप्ति पांडेय सूपुदर्गी को लेकर आज मंगलवार को सुनवाई करेगी।
मामला ऐसे पहुंचा कोर्ट
सिसोदिया के पहले आवेदन पर कोर्ट ने पुलिस से डॉग सौंपने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस ने बरामदगी से इंकार कर दिया था। सिसोदिया ने फिर एडीएम को आवेदन दिया। वहां से भी ना होने पर पुन: कोर्ट में अपील की। इस पर कोर्ट ने पुलिस को डॉग जब्त कर उनके स्वास्थ्य के साथ रिपोर्ट मांगी थी।
खुबसूरती बनी परेशानी
सूत्रों के अनुसार फॉर्म हाउस पर ऊॅची कीमत के विदेशी नस्ल के डॉग की ब्रिडिंग करवाकर व्यवसाय किया जाता था, लेकिन देखरेख के अभाव में वह मरणासन्न हालत में पहुंच गए थे। अब वापस तंदरुस्त व खूबसूरत दिखने पर कमाई की आस में डॉग सुपुदर्गी को लेकर दावेंदारी जताई जा रही है।
क्या है पीएफए
सर्वविदित है पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का संगठन पीएफए ( peoples for animals) पशुओं को प्रताडि़त करने की सूचना गंभीरता से लेता है। फार्म हाउस पर डॉग की हालत का पता चलने पर संस्था ने तात्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र से शिकायत की थी। मिश्र ने पशु उपसंचालक, एडीएम व वेटेनरी डाक्टर की टीम बनाकर कार्रवाई करवाई थी।
इन्होने कहा
करीब आठ माह पहले प्रशासन ने एक ब्रिडर के फार्म हाउस से 15 डॉग बुरी हालत में जब्त कर अस्थाई तौर पर पीएफए को सौपे थे। ब्रिडर द्वारा कोर्ट में लगाए आवेदन पर पुलिस ने डॉग जब्त कर मेडिकल करवाया है।
– वंदना चौहान, सीएसपी नानाखेड़ा