विधायक की याचिका पर जिला कोर्ट का फैसला
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए हुई जंग चुनाव परिणाम सामने आने के बाद भी अब तक नहीं थमी है। महापौर पद के लिए कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी रहे महेश परमार ने चुनाव परिणामों के विरूद्ध जिला न्यायालय में याचिका लगा रखी है। इस प्रकरण में सुनवाई के दौरान गुरूवार को जिला एवं सत्र न्यायालय से डीएमएम मशीन का डाटा सुरक्षित रखने के निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी को जारी किए गए है। कोर्ट ने कहा है कि जब तक इस याचिका का फैसला नहीं हो जाता तब तक के लिए डीएमएम मशीन डाटा सुरक्षित रखा जाए।
जुलाई महीने में संपन्न हुए नगर निगम के महापौर पद के चुनाव के संबंध में कांग्रेस प्रत्याशी और तराना विधायक महेश परमार की ओर से जिला न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। चुनाव याचिका एमजेसी 157 /2022 पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी विधायक महेश परमार ने एक आवेदन पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके वाणी के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जिला निर्वाचन अधिकारी उज्जैन के विरुद्ध चुनाव याचिका के अंतिम निराकरण तक चुनाव के परिणाम संबंधी डीएमएम मशीन डाटा सुरक्षित रखने के आदेश पारित किए है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व एडवोकेट विवेक गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी विधायक महेश परमार ने चुनाव याचिका के दौरान एक आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था कि चुनाव के छह माह कालावधी पूर्ण होने के बाद प्रयुक्त मशीन का डाटा नष्ट कर दिया जाता है, अत: इसे याचिका के निपटान तक सुरक्षित रखा जावे। जिला न्यायालय ने विधायक महेश परमार का आवेदन स्वीकार कर दिनांक यह आदेश पारित कर दिए है।
ज्ञात रहे कि महापौर के चुनाव के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी और सत्तारूढ़ दल पर कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा धांधली कर चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम मशीन को बदलकर एवं अन्य वोटों में हेर-फेर और धांधली करने के आरोप लगाए है। प्रकरण में याचिका कर्ता की ओर अभिभाषक रसिक सुगंधी ने पैरवी की थी। मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी।
क्या होती है डीएमएम मशीन
डिटेचेबल मैमोरी मशीन (डीएमएम) इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का एक पार्ट होती है। ईवीएम में जितने भी वोट डले होते है, इन सभी का रिकार्ड इसी डीएमएम में सेव रहता है। चुनाव अवधि के 6 महीने तक यह रिकार्ड सुरक्षित रखा जाता है और इसके बाद इसे डिलिट कर डीएमएम को फिर से ईवीएम के उपयोग के लिए तैयार कर दिया जाता है। महेश परमार की ओर से दायर याचिका में पुन: मतगणना कराने की भी मांग कोर्ट से की गई है लिहाजा डीएमएम को सुरक्षित रखने के आदेश जारी किए गए है। नगर निगम चुनाव में प्रयुक्त सभी डीएमएम मशीन कोषालय में सुरक्षित रखी हुई है।