उज्जैन, अग्निपथ। प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था के कलाकारों ने वृंदावन में आयोजित रस महोत्सव में 28 दिसम्बर को श्रीकृष्ण भक्ति पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियों से सभी का मन मोहा।
संस्था के कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न प्रांतों की संकीर्तन परंपरा एवं भक्ति परंपरा के नृत्य प्रस्तुतियां की, जिसमें पहली प्रस्तुति शास्त्रीय ओडीसी नृत्य शैली में श्रीजयदेव द्वारा लिखित दशावतार की गई, जिसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों का सुंदर वर्णन प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात गुजरात का कृष्ण भक्ति में गरबा एवं रास प्रस्तुत किया गया, जिसमें शरद ऋतु की चांदनी रात्रि में किए जाने वाले दंड रास को बड़े सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया।
तीसरी प्रस्तुति के रूप में बंगाल के मधुर संकीर्तन जय जय गोबिन्दो गोपालकृष्ण- के द्वारा भगवान श्री कृष्ण के चरणों में भक्ति निवेदन किया गया। चौथी नृत्य प्रस्तुति के रूप में पंजाब की भक्त परंपरा को कलाकारों ने मंच पर जीवंत किया। प्रस्तुति के अंत में सारी नृत्य शैलियों को मिलाकर कीर्तन प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में जोधपुर के महाराज राधाकृष्ण, वृंदावन के मलूक पीठाधीश्वर परम पूज्य श्री पुंडरीक जी महाराज एवं अनेक पीठाधीश्वर संत मौजूद थे। डॉ. पल्लवी किशन के नृत्य निर्देशन में जिन कलाकारों ने मंच पर नृत्य प्रस्तुति की उनके नाम -अदिति सिंह जादौन, मेघल गुप्ता, धनंजय तिवारी, इशिका राय, सलोनी मालाकार, जयवी व्यास, वीणा व्यास,वेदिका जैन, अपूर्वा चौहान, खुशी पुरोहित, शांतनु भागचंदानी, हर्षा खत्री, दिव्या खत्री, ज्योति अरेन्डिया, पलक सोनी, आद्या शर्मा, सुप्रिया चौहान। प्रस्तुति संयोजन कुमार किशन एवं मंच व्यवस्था अलका सिंह जादौन ने की।