पहले भी कर चुका था फर्जीवाड़ा
इंदौर, अग्निपथ। एमजी रोड पुलिस ने फर्जी ऋण पुस्तिका लेकर जमानत कराने पहुंचे एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी से फर्जी दस्तावेज को लेकर पूछताछ की जा रही है। पहले भी आरोपी ने इस तरह से धोखाधड़ी की थी। उसके पास से फर्जी ऋण पुस्तिका बरामद भी की गई है।
एडिशनल डीसीपी राजेश रघुवंशी के मुताबिक जिला न्यायालय में अरविंद सिंह गुर्जर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में संजय वर्मा निवासी देव नगर नकली ऋण पुस्तिका से जमानत के लिये पेश हुआ था। यहां उसकी कोर्ट के कर्मचारियों ने पहचान कर ली। उन्होंने तत्काल इस मामले की पुलिस को सूचना दी। उसे पकडक़र थाने लेकर आया गया। जांच में फर्जी दस्तावेज लाने की बात सामने आई। जिसके बाद संजय वर्मा पर धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज किया है।
पुलिस इस मामले में और आरोपियों के नाम जोड़ सकती है। वहीं द्वारकापुरी के एक अपराध के मामले में सुनील नाम के अपराधी की जमानत देने पहुंचा था। संजय ने किससे यह ऋण पुस्तिका बनवाई थी। इस मामले में जांच की जा रही है।
करीब नौ माह पहले क्राइम ब्रांच ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की थी। जिसमें करण पुत्र दीपक चावड़ा निवासी द्वारकापुरी, प्रकाश पुत्र बलवंत मालवीय निवासी उज्जैन, रमेश पुत्र स्व. गंगाराम बोडना और कैलाश पुत्र बद्रीप्रसाद प्रजापत निवासी इंदौर को पकड़ा था। आरोपियों ने इंदौर के अलावा उज्जैन, देवास और रतलाम के न्यायालय में बड़ी संख्या में फर्जी जमानत करवाई थी। हर जमानत में ये फर्जी आईडी व पते लिखते थे।
गैंग का मुख्य सरगना भी अहीरखेड़ी का प्रकाश चावड़ा था जो द्वारकापुरी इलाके का रहने वाला था। जो पिछले 10 सालों से जिला कोर्ट में ही सक्रिय था। प्रकाश कई वकीलों और कोर्ट कर्मियों से सीधे संपर्क में था। उस दौरान आरोपियों के पास से 87 फर्जी ऋण पुस्तिकाएं मिली थी।