साल के आखिरी दिन अनुमान से कम पहुंचे दर्शनार्थी, ५ लाख के मान से की थी व्यवस्था
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में शनिवार थर्टी फस्र्ट को अनुमान से कम दर्शनार्थी भगवान महाकाल के दरबार में पहुंचे। हालत यह थी कि आम दिनों की ही भांति दर्शन चल रहे थे। हालांकि मंदिर प्रशासन ने अपने स्तर पर व्यवस्था पूरी तरह से चाकचौबंद कर रखी थी। सामान्य दर्शनार्थियों की संख्या अधिक रही। सुबह से लेकर रात तक करीब 1 लाख दर्शनार्थियों ने दर्शन किये।
महाकालेश्वर मंदिर में अलर्ट मोड पर रहते हुए मंदिर परिसर को सुबह से ही बंद रखा गया था। ओंकारेश्वर मंदिर सहित सिद्धि विनायक, साक्षी गोपाल मंदिर सहित अन्य मंदिर दर्शनार्थियों के दर्शनार्थ बंद थे। भीड़ की स्थिति को देखते हुए सहायक प्रशासक लोकेश चौहान ने परिसर को सुबह 10.15 बजे शुरु करवाया। इसके बाद भी परिसर में दर्शनार्थी आम दिनों की ही भांति नजर आए।
प्रोटोकाल दर्शन किये बंद
मंदिर में दर्शन के लिये वीआईपी दर्शनार्थियों का भी जमावड़ा रहा। हालांकि अन्य दिनों की अपेक्षा इनकी भीड़ भी सामान्य थी। लेकिन सहायक प्रशासक लोकेश चौहान के आदेश के बाद प्रोटोकाल सेवा दोपहर 12.45 बजे बंद कर दी गई। इसके बाद दोपहर 3 बजे से फिर से प्रोटोकाल दर्शन वीआईपी के लिये शुरु कर दिये गये थे।
महाकाल लोक में तीन लाइन
थर्टी फस्र्ट को सामान्य दर्शनार्थियों की संख्या काफी अधिक रही। तीन लाइनों को दर्शनार्थियों को चलाया जा रहा था। भीड़ इतनी अधिक थी कि दर्शनार्थी एक दूसरे से सटकर चल रहे थे। इनको कार्तिकेय मंडपम से नीचे उतार कर गणपति मंडपम से दर्शन करवाये जा रहे थे। मंदिर के लड्डू प्रसाद काउंटरों को बंद कर दिये जाने के कारण परिसर में दर्शनार्थियों की आवाजाही में कोई परेशानी पैदा नहीं हुई।
इतने अलर्ट: पहले ही बंद करवा दिया परिसर
ओंकारेश्वर मंदिर वाले मंदिर परिसर को भस्मारती निपटने के बाद से ही बंद रखा गया था। मंदिर प्रशासन को आशंका थी कि भारी भीड़ का जमावड़ा परिसर में दर्शनार्थियों का हो सकता है। ऐसे में इसको सुबह 10.15 बजे खोलने के आदेश दिये गये। इसका पालन करवाते परिसर को 10.45 बजे खोला गया। ज्ञात रहे कि मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ मंदिर परिसर में ही जमा होती है। इससे भीड़ नियंत्रण नहीं हो पाता है और अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
गणपति मंडपम में भीड़ का जमावड़ा
हालांकि महाकाल लोक सहित अन्य जगहों पर मंदिर प्रशासन की व्यवस्था काफी अच्छी थी। लेकिन गणपति मंडपम में उमड़ रहे भीड़ के सैलाब को चलाने के लिये लाइन चालक नजर नहीं आये। लाइन आगे नहीं बढ़ रही थी। यहां पर दर्शनार्थी अपने मनमाफिक दर्शन करते रहे जिसके चलते यहां पर भीड़ का सैलाब नजर आया।