मिल की चाल में पहुंचकर की बैठक, कलेक्टर से करेंगे मुलाकात
उज्जैन, अग्निपथ। बिनोद मिल की चाल के रहवासियों को चाल तोड़ दिए जाने के बाद से ही मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इनकी मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज के पास शिवांश पैराडाईज कॉलोनी में प्रशासन ने दो मल्टियों में इन्हें लगभग 80 फ्लैट मुहैया कराए है लेकिन इनमें अब तक केवल 24 ही परिवार शिफ्ट हुए है। मल्टियों में पानी-शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है।
रविवार को बिनोद मिल की चाल के रहवासी एक बार फिर से चाल में पहुंचे। यहां हनुमान मंदिर के परिसर में बैठक की। चाल के रहवासियों ने तय किया है कि वे अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात करेंगे। यदि कलेक्टर के स्तर पर भी निराकरण नहीं होता है तो फिर से आंदोलन किया जाएगा।
रहवासी राकेश यादव ने बताया कि मिल की चाल को तोडऩे से पहले सभी चाल के रहवासियों को आश्वस्त किया गया था कि उन्हें कवेलू कारखाने की जमीन पर या नरेश जीनिंग फैक्ट्री की जमीन पर प्रस्तावित मल्टियों में फ्लैट आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके विपरीत रहवासियों को हामूखेड़ी और सुरासा गांवो की मल्टियों में भेज दिया गया।
अब सभी से बैंक पास बुक व अन्य दस्तावेज मांगे जा रहे है। मल्टियों के फ्लैट में न तो सफाई है, न ही पानी और शौचालय की सुविधा है। अधिकांश परिवार शहर में ही किराए के मकानों में रह रहे है।