कांग्रेस कमेटी ने नगर निगम चुनाव के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के प्रभारियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। शहर के कांग्रेस नेताओं को भी अलग-अलग क्षेत्रों का प्रभारी नियुक्त किया गया है। इन प्रभारियों में अधिकतर वे कांग्रेसी नेता हैं, जो विधानसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को हराने के लिए बागी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे। उस वक्त कांग्रेस ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था, लेकिन बाद में यह फिर ऊपरी सेटिंग के जरिए पार्टी मेें शामिल हो गए और अब चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी भी ले आए। मंगलवार को नियुक्त किए गए इन चुनाव प्रभारियों के प्रति पार्टी आलाकमान ने जो विश्वास जताया है वे उस पर खरे कैसे उतर सकते हैं, जो पहले पार्टी के साथ विश्वासघात कर चुके हैं? यह सवाल उन सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का है जो हर मौके पर सिर्फ कांग्रेस का झंडा थामे खड़े रहते हैं। चुनाव में दौड़भाग करना हो या जाजम बिछाने का काम, सच्चा कार्यकर्ता कभी प्रत्याशी का चेहरा नहीं देखता। वह सिर्फ पार्टी के प्रति विश्वास रखता है। ऐसे कार्यकर्ता के सामने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बागियों को प्रभारी नियुक्त कर कैसा संदेश दिया है।