महाकाल मंदिर परिसर तक आ रही थी, एक दिन पहले अग्निपथ चेता चुका
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में इंदौर में चल रहे प्रवासी सम्मेलन को लेकर राष्ट्र अध्यक्षों सहित इनके प्रतिनिधि मंडल की लगातार आगमन हो रहा है। भगवान महाकाल के दर्शन और भस्मारती में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय पहुंच रहे हैं। इधर कोटितीर्थ कुंड का जल सड़ांध मार रहा है। अग्निपथ पहले ही इस बारे में चेता चुका था। इसकी बानगी रविवार की शाम देखने को मिली, जब इसमें लगे रंगबिरंगे फव्वारों को चालू किया गया।
फव्वारों को चालू करते ही चारों ओर दुर्गंध फैल गई। सभामंडप तो ठीक मंदिर परिसर में मौजूद दर्शनार्थी भी इसकी सड़ांधभरी दुर्गंध से परेशान हो गये और एक दूसरे से पूछने लगे कि यह बदबू कहां से आ रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मंदिर परिसर में खड़ा रहना तक मुश्किल हो गया था। दैनिक अग्निपथ ने अपने रविवार के अंक में इस जानकारी को साझा किया था कि कोटितीर्थ कुंड का जल सड़ांध मार रहा है। आने वाले प्रवासी भारतीयों का भी तांता मंदिर में लगा हुआ है। ऐसे में कुंड के पानी को बदलने की तैयारी पहले ही कर लेना चाहिये थी।
पानी कुछ दिन बाद बदलना जरूरी
कोटितीर्थ कुंड का जल रुका हुआ है। इसका फ्लो नहीं होने के कारण यह सफाई के कुछ दिनों बाद सड़ांध मारने लगता है। ऐसे में एक नियत अंतराल के बाद इसके पानी को बदला जाना जरूरी है। लेकिन किसी के पास इसकी जवाबदारी नहीं होने के कारण जब कोई त्योहार होता है। तभी इसको बदला जाता है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महाकाल लोक के लोकार्पण के पूर्व इसका पानी बदला गया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी भोपाल से ही कोटितीर्थ कुुंड को आकर्षक रूप से सजाने संवारने के निर्देश दिये थे।