भारत स्किल कैपिटल, बन सकता है दुनिया के विकास का इंजन

इंदौर, अग्निपथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल हुए। मोदी ने कहा- आज दुनिया भारत की सुनती है। भारत में स्किल कैपिटल बनने का सामथ्र्य है, यह दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है। भारत के पास सक्षम युवाओं की बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूज भी हैं। काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है।

पीएम मोदी ने इंदौर की खूब तारीफ की। कहा- इंदौर दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। इस साल भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए यह दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। हमें जी-20 को केवल एक डिप्लोमैटिक इवेंट नहीं, बल्कि जन भागीदारी का आयोजन बनाना है।

ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में करीब 11.20 बजे मोदी जब मंच पर पहुंचे, तो हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। प्रवासी भारतीयों को सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, विदेश मंत्री एस जयशंकर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। मोदी ने प्रवासी भारतीयों को समर्पित डाक टिकट का विमोचन किया। सम्मेलन में करीब 70 देशों से आए 3200 प्रवासी भारतीय शिरकत कर रहे हैं।

स्वच्छता के साथ स्वाद की राजधानी

इंदौर अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, साबूदाने की खिचड़ी, कचौरी, समोसे, शिकंजी …जिसने भी इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं रुका। जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुडक़र नहीं देखा। 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं।

मध्यप्रदेश के बारे में…उज्जैन जाकर भव्य महाकाल जरूर देखें

मोदी ने कहा मध्यप्रदेश में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा और यहां बहुत कुछ है, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें।

एनआरआई विदेशी धरती पर भारत के राष्ट्रदूत

दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के लोगों की एक कॉमन तस्वीर दिखती है, तो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना उसके साक्षात दर्शन कराती है। दुनिया में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है, तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। जब विश्व हमारा आकलन करता है, तो सशक्त और समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसीलिए मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत यानी ब्रांड एम्बेस्डर कहता हूं।

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