झारड़ा, (स्वस्तिक चौधरी)। एक तरफ सरकार जल जीवन मिशन चलाकर हर घर नल, हर घर जल की योजना बनाकर करोड़ो रुपये खर्च कर रही है। ताकी नागरिकों को शुद्ध पीने का जल घर घर तक सुगमता के साथ दिया जा सके। तो वही दूसरी और झारड़ा नगर में कई क्षेत्र में पांच दिन से तो कुछ क्षेत्र में लगभग एक सप्ताह से नल में एक बूंद पानी तक नहीं आया। एक सप्ताह से रहवासी हाथ ठेला, सायकल या अपने कंधो पर पानी की केन बर्तन रखकर निजी बोरवेल, कुएं, बावड़ी से पानी लाने को मजबूर हैं।
रहवासियों का कहना है कि पंचायत कार्यालय पर कोई सुनने वाला ही नहीं हैं। सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को समय समय पर पेयजल हेतु टेंकर आवंटित किए जाते है। साथ ही आपात स्थिति में पानी की व्यवस्था हेतु बोरवेल भी किए हुए है। बावजूद इसके पंचायत अधिकारीयों द्वारा कम से कम गली मोहल्लो में पीने का पानी उपलब्ध कराना भी उचित नहीं समझा।
पंचायत के पास अपना खुद का ट्रैक्टर भी है। कम कम से ट्रैक्टर टैंकर की मदद से गली मोहल्लों में पीने का पानी तो पहुचा देते ताकी बुजुर्ग असहाय वरिष्ठ नागरिको को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। क्या कहते है रहवासी – हमारे प्रतिनिधि को नगर के रहवासी जगदीश ने बताया की हमारे क्षेत्र में लगभग सात दिन से नल में पानी नहीं आया है। जिससे हमारे दैनिक कार्य प्रभावित हुए है। इधर उधर से घर के सदस्य पानी एकत्रित कर रहे है। पंचायत में कोई ध्यान देने वाला ही नहीं है।
चुनाव के समय तो घर घर वोट लेने आ जाते है। अब सात दिन से नल से पानी नहीं आ रहा तो कोई देखने सुनने वाला ही नहीं है। हमारे प्रतिनिधि को अजय ने बताया की हमारे नल में पानी नहीं आ रहा है। कोई संतोषजनक जवाब देने वाला जिम्मेदार अधिकारी ही नहीं है। घर के सदस्य किराए की हाथ ठेला पर बर्तन से पीने व उपयोग का पानी एकत्रित कर रहे हैं। पंचायत को कम से कम मानवता के आधार पर टेंकर से पिने का पानी उपलब्ध करवाना चाहिए।
डेम के पास हमारी पाइपलाइन फूट जाने से पानी की व्यवस्था बिगड़ गई है। जल्द ही सुधार कार्य करवाकर नल से पानी प्रदान किया जाएगा।
– मेहरबान सिंह परिहार, सचिव, ग्राम पंचायत झारड़ा