गणपति मंडपम से दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को नहीं हो पा रहे थे दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को मकर संक्रांति पर्व के चलते भारी भीड़ उमड़ी। हाल यह हो गये कि नंदीहाल और यहां से गर्भगृह में प्रवेश करने वाले दर्शनार्थी बेलगाम होकर गणपति मंडपम से दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों के दर्शन में बाधा पैदा कर रहे थे। सहायक प्रशासक ने जब ऐसी स्थिति देखी तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर स्थिति नियंत्रित करने को कहा।
मकर संक्रांति का पर्व होने के कारण भगवान महाकाल के दर्शन के लिये भारी भीड़ का हुजूम उमड़ पड़ा। सुबह से ही मंदिर में यह हालत रही कि मंदिर परिसर सहित गणपति मंडपम, कार्तिक मंडपम में भारी भीड़ भगवान की एक झलक पाने के लिये एकत्रित हो गई थी। सुबह होने वाली भोग आरती के बाद स्थिति और बिगड़ गई।
एक ओर जहां नंदीहाल में यहां से गर्भगृह में दर्शन को जाने वाले दर्शनार्थी बेकाबू हो रहे थे।
वहीं गणपति मंडपम और कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को भगवान महाकाल के दर्शन नहीं हो पा रहे थे। सूचना पाकर सहायक प्रशासक लोकेश चौहान यहां पर पहुंचे और उन्होंने सुरक्षा सुपरवाइजर और सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर स्थिति नियंत्रित करने को कहा।
खुद खड़े होकर संभाली व्यवस्था
इसके बाद भी नंदीहाल और यहां से गर्भगृह में दर्शन को जाने वाले दर्शनार्थी अफरातफरी मचा रहे थे। श्री चौहान ने स्थिति को देखकर नंदीहाल से गर्भगृह को जाने वाले प्रोटोकाल दर्शनार्थियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने चांदी गेट पर खुद खड़े होकर व्यवस्था को संभाला। उन्होंने स्पष्ट रूप से सुरक्षाकर्मियों से कह दिया कि मेरी ओर से प्रवेश की सूचना मिले तो ही नंदीहाल में गर्भगृह जाने वाले दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाय। इस व्यवस्था को जुटाने से गणपति मंडपम में खड़े दर्शनार्थियों को भगवान महाकाल के दर्शन आसानी से हो सके।
पंडे पुजारी भी भीड़ बढ़ा रहे
गर्भगृह में दर्शनार्थियों के प्रवेश के दौरान पंडे पुजारी और उनके प्रतिनिधि बीच में आकर अंदर प्रवेश कर जलाभिषेक करते हैं। जिसके चलते सुबह से लेकर दोपहर तक उनका तांता मंदिर के गर्भगृह में लगा रहता है। यह अपने यजमान को दर्शन करवाने के लिये गर्भगृह के बीच में तक आ जाते हैं। ऐसे में गणपति मंडपम से दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों को भगवान महाकाल के दर्शन करने में अड़चन आती है। मंदिर प्रशासन को गर्भगृह में प्रवेश करने का इनका समय निर्धारित करना चाहिये।