किसान संघ प्रतिनिधियों का आंदोलन, मामला- व्यापारी-किसान के बीच मारपीट का
उज्जैन, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी के व्यापारी के साथ मंगलवार की शाम किसान और उसके साथियों के साथ की गई मारपीट के घटनाक्रम का बुधवार दो दूसरे दिन भी असर रहा। पूरे दिन मंडी के भीतर हंगामा होता रहा, तोल रूका रहा और भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों ने लगभग 3 घंटे तक आगर रोड़ पर चक्काजाम किया। मंडी के भीतर दो पक्षों के बीच सौदे के विवाद को शहर के हजारो लोगों ने भुगता। आम शहरियों को गली-कुचो के रास्तों से होकर गुजरना पड़ा।
कृषि उपज मंडी में मंगलवार की शाम आर.बी. ट्रेडर्स के व्यापारी अभिषेक जैन के साथ जवासिया के किसान महेंद्र सिंह ने मारपीट कर दी थी। इस घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। देर रात ही चिमनगंज मंडी थाने में व्यापारी अभिषेक जैन की शिकायत पर किसान महेंद्र सिंह के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया था।
बुधवार सुबह जैसे ही मंडी खुली, व्यापारियों ने मंडी की नीलामी में भाग लेने से मना कर दिया। वे किसान की तत्काल गिरफ्तारी करने की मांग करने लगे। करीब डेढ़ घंटे तक नीलामी बंद रही, इसी बीच भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष दशरथ पंड्या, प्रांत प्रवक्ता भारत सिंह बैस आदि भी मंडी पहुंच गए। व्यापारियों के साथ बातचीत कर प्रकरण को वापस लेने के लिए राजी करने पर बात शुरू हुई।
कुछ व्यापारी प्रकरण वापस लेने को तैयार नहीं थे, यहीं किसान प्रतिनिधियो और व्यापारियों के बीच आपसी बहस हुई। इसके बाद भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने आगर रोड़ पर चक्काजाम शुरू कर दिया। चक्काजाम की सूचना के बाद एसडीएम राकेश शर्मा मौके पर पहुंचे। दोपहर करीब 1.30 बजे से आरंभ हुआ चक्काजाम शाम 4.30 बजे तक चला। इस दौरान आगर रोड पर यातायात पूरी तरह से अवरूद्ध रहा। शाम लगभग 4.30 बजे व्यापारी अभिषेक जैन के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज करने की पुलिस अधिकारियों ने सहमति दी, तब कहीं जाकर चक्काजाम समाप्त हुआ।
किसान संघ के तीन तर्क
- कृषि उपज मंडी में बड़ा तोल कांटा होने के बावजूद व्यापारी 300 ग्राम प्रति क्विंटल का कटौत्रा करते है व हम्मालो की राशि काटी जाती है। इस व्यवस्था को बंद कराया जाए।
- मंडी में हम्मालों द्वारा मेटाडोर एवं पिकअप गाडिय़ों पर 5 रूपए प्रति बोरी के हिसाब से डाला खुलई के नाम पर रुपए लिए जाते है जबकि प्रदेश की किसी भी मंडी में रूपए लेने का चलन नहीं है।
- किसान सम्मान निधि किसानों के बचत खाते में आती है, बैंको द्वारा कई बचत खाते बंद कर दिए गए है। बंद खातो को पुन: चालू कराया जाए व उन खातों में रखे रूपए किसानों को वापस दिलाए जाए।
व्यापारियों ने कहा: किसान संघ की हठधर्मिता के कारण मंडी बंद करवा दी, व्यापारी तैयार थे नीलामी के लिए
कृषि उपज मंडी में किसान द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर एक व्यापारी के साथ मारपीट की, जिसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी गई, किसान की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर बुधवार को व्यापारियों ने मंडी समिति के अधिकारियों से की थी। इस दौरान किसान प्रतिनिधि भी शामिल हो गए। व्यापारी संघ ने भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इस पर चर्चा की तथा मंडी नीलामी को आधा घंटे में शुरू करने की पहल की, लेकिन किसान संघ अपराधी किसान के खिलाफ की गई पुलिस रिपोर्ट को वापस करने के लिए दबाव बनाने लगा, जिसे नहीं मानने पर चक्काजाम तथा मंडी के गेट पर ताला लगाकर मंडी को बंद करने की स्थिति कड़ी कर दी थी। मंडी समिति ने भी अनिश्चितकाल के लिए मंडी बंद कर दी, जिसमें व्यापारी संघ का कोई हाथ नहीं है।
व्यापारी संघ अध्यक्ष गोविन्द खंडेलवाल एवं सचिव अनिल गर्ग ने बताया कि बुधवार को मंडी नीलामी के पूर्व जिला प्रशासन मंडी समिति एवं किसान संघ के प्रतिनिधियों से सौहार्द्रपूर्ण चर्चा की गई तथा नीलामी शुरू करने की पहल की गई, लेकिन किसान संघ द्वारा व्यापारी के साथ मारपीट करने वाले किसान के खिलाफ की गई पुलिस रिपोर्ट को वापस करने की मांग की गई, जो कि असंभव था, क्योंकि व्यापारी के साथ की गई मारपीट का वीडियो भी पुलिस को सौंपा गया है।
पुलिस अपनी विवेचना कर रही थी। इस दौरान किसान संघ की बेजा मांग को न मानने पर मंडी में अशांति पैदा कर दी। आगररोड पर चक्काजाम कर दिया। जिला प्रशासन एवं मंडी प्रशासन पर दबाव बनाकर मंडी अनिश्चितकाल के लिए बंद करवा दी गई, जो कि गलत है। व्यापारी संघ इसकी भर्त्सना करता है तथा प्रशासन से मांग करता है कि मंडी को तत्काल खोली जाए, ताकि किसान एवं व्यापारी परेशान न हो।