उज्जैन, अग्निपथ। महाराणा प्रताप जी का जन्म कुंभलगढ़ राजस्थान में 9 मई 1540 को हुआ था। महान देशभक्त महाराणा प्रताप ने अकबर की सेना से कई युद्ध लड़े जिसमें हल्दीघाटी का युद्ध ऐतिहासिक युद्ध रहा।
महाराणा प्रताप जी ने 19 जनवरी 1597 ग्राम बांडोली, चावण्ड, उदयपुर, राजस्थान में अपनी अंतिम सांस ली। जहॉं नदी किनारे आज भी महाराणा प्रतापजी की छतरी बनी हुई है । महाराणा प्रताप के जीवन से देशभक्ति की प्रेरणा मिलती है। चामुंडा माता चौराहे पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिलसिंह चंदेल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ठा. हरदयाल सिंह एडवोकेट, जिलाध्यक्ष द्रुपदसिंह पंवार, शहरअध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौड़, युवा विंग के प्रदेश सचिव दर्शन ठाकुर,युवा विंग के शहरअध्यक्षआनंदसिंह खींची, युवा विंग के जिलाध्यक्ष शंकरसिंह पडि़हार, मलखान सिंह दिखित, अनिलसिंह राजपूत, राजेशसिंह दिखित, लाखनसिंह असावत, शक्ति सिंह बैस, इंद्रवीर सिंह तोमर, प्रदीप सिंह परिहार,भारत सिंह राठौड़, राघवेंद्र सिंह भदोरिया, नरेंद्रसिंह पडि़हार, राजेंद्र सिंह पंवार,कमलसिंह नरूका, धर्मेंद्रसिंह ठाकुर, राहुल सिंह सोलंकी, सुरेंद्र सिंह सिसोदिया, सोहन सिंह, नरेंद्र सिंह, लोकेंद्र सिंह गौड़, प्रेम सिंह गौड़, श्रवण सिंह, जीवन सिंह सिसोदिया, सोनू सिंह बेस, मोहन सिंह सोलंकी, ईश्वर सिंह सोलंकी, अशोक सिंह तोमर, सुरेश सिंह कुशवाह, राजेंद्र सिंह दिखित, बबलू ठाकुर, हरेंद्रसिंह परिहार, सुरेंद्रसिंह बघेल, इंदरसिंह जादौन, अर्जुन सिंह सिकरवार,अमन सिंह बैस, कपिल सिंह सोलंकी आदि ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।