महाशिवरात्रि पर्व नजदीक, चमक हो रही गायब
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रकल्प महाकाल लोक पूरी दुनिया में आकर्षक का केन्द्र बना हुआ है। देश-विदेश के लोग इसके अवलोकन के लिये उज्जैन आ रहे हैं। लेकिन यहां पर लगीं प्रतिमाएं उदघाटन के बाद से ही साफ नहीं किये जाने के कारण अब चमक खो रही हैं। इनके उपर धूल की मोटी परत जमने लगी है। महाशिवरात्रि पर्व नजदीक हैं। ऐसे में इस दौरान लाखों की संख्या में दर्शनार्थी महाकाल लोक के अवलोकन के लिये आयेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में श्री महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण किया था। इसके बाद 14 अक्टूबर से इसको आम दर्शनार्थियों के अवलोकन के लिये खोल दिया गया था। लेकिन तभी से यहां की 200 मूर्तियों की साफ सफाई नहीं की गई। नतीजा इन विशाल प्रतिमाओं पर धूल की मोटी परत जम गई है।
साथ ही म्यूरल्स के उपर भी धूल की परत चढ़ गई है। ऐसे में अब रात्रि के समय इसका अवलोकन करते समय इन प्रतिमाओं पर स्पष्ट रूप से धूल जमी हुई दिखाई दे रही है। ज्ञात रहे कि महाकाल लोक में भव्य प्रवेश द्वार, फव्वारों सहित शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से ज्यादा चित्रों की श्रृंखला बनाई गई है। साथ ही भगवान शिव, शक्ति और धार्मिक घटनाओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां भी लगाई गई हैं।
महाशिवरात्रि की तैयारियों में शामिल करें
हाल ही में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियों का जायजा लेने के लिए महाकालेश्वर मंदिर सहित महाकाल लोक का भ्रमण किया था। लेकिन दिन में भ्रमण किये जाने से प्रतिमाओं की वास्तविक स्थिति की जानकारी अधिकारियों को नहीं हो पाई थी। समय समय पर इन प्रतिमाओं और म्यूरल्स की साफ सफाई भी करना आवश्यक है। महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियों में इसको भी शामिल किया जाना चाहिये।
दर्शनार्थी बाहर, पुलिसकर्मी अंदर
महाकाल लोक का अवलोकन करने के लिये सुबह से रात तक हजारों दर्शनार्थी आते हैं। इस समय ठंड का मौसम चल रहा है। ऐसे में दर्शनाथियों की भीड़ महाकाल लोक में आवागमन कर रही है। इस दौरान पुलिसकर्मी सहायता केन्द्र के अंदर बैठकर अपना समय पास कर रहे हैं। सुरक्षा के लिये एक भी पुलिसकर्मी रात्रि के समय महाकाल लोक में नजर नहीं आता है।
म्यूरल्स के पत्थरों पर बैठ रहे
महाकाल लोक का अवलोकन करने आने वाले दर्शनार्थी कुछ देर सुस्ताने के लिये म्यूरल्स दीवार के आगे बने पत्थरों पर बैठ रहे हैं। इनके साथ बड़े बैग्स भी होते हैं। इनको भी इसके उपर रखा जा रहा है। लेकिन हटाने के लिये पुलिसकर्मी उपलब्ध नहीं होने के कारण समुचित कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही खुले में लगाये गये पौधों को भी दर्शनार्थियों द्वारा क्रासिंग कर रौंदा जा रहा है।