किसान और व्यापारियों के बीच कलेक्टर ने कराया राजीनामा, दोनों पक्ष वापस लेंगे केस
उज्जैन। कृषि उपज मंडी में पिछले सप्ताह व्यापारी अभिषेक जैन और जवासिया के किसान महेंद्र सिंह के बीच हुए विवाद का मंगलवार को राजीनामा हो गया। कलेक्टर के साथ बैठक के बाद दोनों ही पक्षों के लोग एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराए गए केस वापस लेने के लिए राजी हो गए है।
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर के साथ हुई मुलाकात में कृषि उपज मंडी में इलेक्ट्रानिक तोल कांटे स्थापित करने के टेंडर की प्रक्रिया की जांच की मांग की। इसी बैठक में तय हुआ है कि व्यापारी अब उपज नीलामी के वक्त ग्रेडिंग पाईप का इस्तेमाल कर सकेंगे।
पिछले सप्ताह गुरूवार को सोयाबीन उपज के सौदे के दौरान व्यापारी अभिषेक जैन और किसान महेंद्र सिंह के बीच मारपीट हो गई थी। इस घटना के अगले दिन व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया, वहीं भारतीय किसान संघ ने भी व्यापारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। एक दिन मंडी बंद रही। अगले दिन मंडी खुली जरूर लेकिन व्यापारियों और किसान प्रतिनिधियों के बीच मनमुटाव दूर नहीं हो सका था।
मंगलवार सुबह कलेक्टर आशीष सिंह ने दोनों पक्षों के लोगों को अपने कार्यालय पर बुलाया। भारतीय किसान संघ प्रतिनिधियों का कहना था कि मंडी में व्यापारी नीलामी में उपज खरीदने के बाद सौदा रद्द कर देते है। ऐसे में किसानों को दाम कम करके उपज बेचना पड़ती है। इसके विपरीत व्यापारियों का तर्क था कि कई किसान ट्राली में उपर अच्छी किस्म की उपज भरते है जबकि नीचे मिट्?टी या कमतर क्वालिटी की उपज रहती है। ऐसी अवस्था में उपज का सौदा रद्द करना पड़ता है।
इस समस्या का हल निकालने के लिए कलेक्टर ने व्यापारियों को नीलामी के दौरान ही ग्रेडिंग पाईप का इस्तेमाल करने को कहा। मंडी में अब व्यापारी ग्रेडिंग पाईप के जरिए ट्राली में नीचले तल पर भरी उपज का भी सेंपल देख सकेंगे। कलेक्टर के समक्ष दोनों ही पक्षों के लोग एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज कराए गए केस को न्यायालय में राजीनामा पेश कर वापस लेने के लिए राजी हो गए है।
तोलकांटे की विज्ञप्ति की जांच की मांग
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी भारत सिंह बैस का कहना है कि कृषि उपज मंडी में किसान संगठनों की पहल पर 10 टन के तोल कांटे स्थापित किए जाने है। उज्जैन मंडी में ऐसे 4 कांटे स्थापित होंगे। मंडी कमेटी ने पहले से स्थापित 30 टन के एक तोल कांटे को 10 टन में परिवर्तित करवा दिया है।
इसके अलावा नए तोल कांटे की स्थापना के लिए जो विज्ञप्ति जारी की गई है, उसमें यह शर्त डाल दी गई है कि पहले से चल रहे तोलकांटे यदि अधिकतम दर प्रदान करने पर राजी हो तो उसे प्राथमिकता दी जाए। बैस ने बताया कि इससे मंडी में पहले से काम कर रहे तोलकांटो वालो की मोनोपाली बन जाएगी।