दो लोगों के टिकट के पैसे 1500 रु. कम निकले
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 1500 रु. टिकट काउंटर पर कैश गिनने वालों के पैसे कम निकल रहे हैं। आयेदिन इस प्रकार की समस्या से कर्मचारी जूझ रहे हैं, लेकिन इसका निपटारा नहीं हो पा रहा है। आईटी शाखा में जाकर सीसीटीवी फुटेज भी चैक करवाये जा चुके हैं। इसी बात को लेकर मंगलवार की सुबह कैश कर्मचारियों और काउंटर प्रभारी के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई। कर्मचारियों को पैसा अपनी जेब से भरना पड़ रहा है।
मंगलवार की सुबह 7.30 बजे कैश काउंटर कर्मचारी अनिता शर्मा और मनीषा ने सुबह काटी गई टिकटों का फार्म से मिलान किया तो 1500 रु. कम निकले। कुल 42 टिकट काटी गईं थीं। इनमें से दो टिकटों के रुपये कम निकले। ज्ञात रहे कि 1500 की टिकट पर दो लोगों को गर्भगृह से प्रवेश दिया जाता है। एक व्यक्ति की टिकट 750 रुपये की कटती है। ऐसे में हडक़ंप मच गया। दोनों ने आनन फानन में काउंटर प्रभारी वीरेन्द्र शर्मा को इस बात से अवगत कराया। प्रभारी यहां पर पहुंचे तो तीनों के बीच जोरदार बहस हो गई।
प्रभारी ने कहा- ध्यान रखा करो
प्रभारी श्री शर्मा ने दोनों महिला कैश काउंटर कर्मचारियों से कहा कि ध्यान रखा करो…। इसी बात को लेकर तीनों में बहस हो गई। काउंटर कर्मचारियों का कहना था कि क्या हम काम नहीं करते। हालांकि इस बात पर कोई राय नहीं बन पाई कि रुपये कम करने की पूर्ति कैसे की जाय। कर्मचारियों का कहना था कि फिर से जाकर सीसीटीवी फुटेज चैक किये जायें।
दो जगह होते हैं रुपये चैक
टिकट काउंटरों पर कैश लेते वक्त कम्प्यूटर आपरेटर ऑपरेटर भी कैश कर्मचारियों से पूछता है कि पैसे आ गये। हां भरने के बाद ही उनको टिकट की प्रिंट दी जाती है। ऐसे में किस ओर से गलती हो रही है। कहां पर गलती हो रही है। इसको पकडऩा मुश्किल हो रहा है। कैश कर्मचारियों ने बताया कि एक महीने में उनको करीब 6 हजार रुपये अपनी जेब से भरना पड़ रहे हैं।
चार बनाई, तीन के रुपये लिये
सोमवार को भी कैश काउंटिंग में 750 रुपये कम निकले थे। बाद में जांच की तो पाया कि चार लोगों की टिकट बना दी गई थी। लेकिन उनमें एक बच्चा होने के कारण छोड़ दिया गया था। इस तरह से तीन की जगह चार टिकट हो गईं और कैश काउंटिंग में गड़बड़ी सामने आ गई। यह मामला आईटी शाखा भी पहुंचा। यहां पर सीसीटीवी फुटेज चैक किये गये। तो मामला पकड़ में आया। गनीमत रही कि श्रद्धालु के फोन नंबर भी लिये जाते हैं। ऐसे में उसको फोन किया गया तो सभामंडप में ही मिला। यहां पर उससे एक टिकट के 750 रुपये लिये गये।
स्लॉट चेंज के दौरान साफ्टवेयर की गलती
दैनिक अग्निपथ ने अपने 23 दिसम्बर के अंक में इस बाबत समाचार प्रकाशित किया था कि साफ्टवेयर भी गड़बड़ी कर रहा है। समय स्लॉट चेंज के दौरान दर्ज किया हुआ नाम फिर से अगले स्लॉट में कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा दर्ज किया जा रहा था। यह गलती आईटी शाखा में पकड़ी गई थी। हालांकि इस बार एक ही स्लॉट में इस प्रकार की गलती हुई है। स्लॉट चेंज के पहले ही गड़बड़ी हो गई।