सिख समाज ने कथा में शू स्टैंड की व्यवस्था संभाल
नागदा, अग्निपथ। पौराणिक महत्व रखने वाले राजा जनमेजय की नगरी में चल रही श्री हिंदू सनातन जागृति मंच द्वारा भव्य श्रीमद् भागवत कथा में मोटिवेशन स्पीकर और प्रसिद्ध भगवताचार्य कथावाचक जया किशोरीजी ने मनुष्य जीवन को सार्थक करने हेतु एक मात्र उपाय भगवान की भक्ति पर प्रकाश डाला।
कथा के तीसरे दिन उन्होंने धू्रव चरित्र, जड़ भरत, अजामिल की कथा, प्रहलाद चरित्र दर्शन सहित अन्य प्रसंगों का वृतांत सुनाया। व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि मेहनत करने का मौका भगवान हर किसी को नहीं देता, लेकिन जब मौका देता है तो उसका सदुपयोग करना चाहिए। तथा मनुष्य के जीवन में शिक्षा का महत्व बताते हुए जया किशोरी ने उदाहरणों के माध्यम से कहा कि शिक्षा वह नहीं जो आपको अहंकारी बनाए, बल्कि शिक्षा वह है, जो आपको सरल बनाए।
शिक्षा ऐसी हो जो जीवन में दूसरों के काम आए, दूसरो की मदद कर सके। माता- पिता को समझाइश देते हुए कहा कि बच्चों को ऐसी शिक्षा दो कि वह अपने पांव पर खड़े हो सकें, चाहे वह बेटा हो या फिर बेटी, सभी को बेहतर और रोजगार परक शिक्षा देना चाहिए और काबिल बनाना चाहिए।
यह बात जया किशोरी ने जड़ भरत की कथा सुनाते हुए श्रद्धालुओं को बताई। उन्होंने कहा कि माता पिता बच्चों को हमेशा विश्वास में ले, उन्हें बताएं कि गलती ना करो पर कभी धोखे से गलती हो गई तो हमारे पास आना हम बचा लेंगे। कथा में जया किशोरी ने मधुर स्वरों में गीत…. मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है, करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है, आपकी कृपा से हर काम हो रहा है.. भजन की प्रस्तुति पर श्रद्धालु जमकर थिरके, कई श्रोताओं की आंख से आंसू छलकने लगे।
इसके अतिरिक्त सीताराम सीताराम कहिए जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए भजन से जीवन की हर परिस्थिति में प्रसन्न रहते हुए ईश्वर की भक्ति में लीन रहने का गुर सिखाया तथा बताया कि अगर कोई संस्कृति ग्रहण करने लायक है तो केवल सनातन संस्कृति ही एकमात्र जीवन में धारण करने योग्य है जिससे जीवन का उद्धार किया जा सकता है। कसमे वादे प्यार वफ़ा सब बातें हैं बातों का क्या भजन से बताया कि जीवन में हम जिनके लिए जीवन भर समय देते हैं वह वक्त आने पर काम नहीं आते लेकिन विपत्ति में अगर कोई काम आता है तो वह सिर्फ ईश्वर ही होता है जिसको हम जीवन में समय अपने हिसाब से देते हैं इसलिए सदैव ईश्वर की भक्ति में लीन रहेंगे तो आपके सभी काम सार्थक होंगे और आप जिनके पीछे समय व्यतीत करते हैं तो जीवन में किसी काम के लिए किसी के हाथ नहीं जोडऩा पड़ेंगे।
मीडिया प्रभारी निलेश मेहता ने बताया की कथा स्थल पर यूं तो सभी मातृशक्ति एवं सामाजिक संगठन के साथ बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन बिना किसी आग्रह के सिख समाज द्वारा अग्रणी भूमिका निभाते हुए कथा में आए हुए श्रावक के जूते चप्पल स्टैंड की व्यवस्था संभाली गई। समिति ने इस सेवा कार्य की सराहना की।