पर्व के पूर्व इस वर्ष वेतनवृद्धि के साथ ही ड्रेस के रुपये नहीं दिये मंदिर प्रबंध समिति ने
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष जिस तरह से महाशिवरात्रि पर्व मनाने के लिये तैयारियां की जा रही हैं। इसके ठीक उलट व्यवहारिक स्तर पर यह तैयारियां दिखाई नहीं दे रही हैं। इस बार कर्मचारी या तो पुरारी ड्रेस में नजर आयेंगे अथवा सादी ड्रेस पहन कर ही अपनी ड्यूटी देते दिखाई देंगे। क्योंकि मंदिर प्रबंध समिति ने उनको डे्रस सिलवाने तक के रुपये उनके खातों में डालने पर विचार नहीं किया है। अब पर्व को केवल 9 दिन शेष बचे हैं।
विगत वर्ष-2022 में एक महीने पहले कर्मचारियों के खाते में वेतनवृद्धि के साथ ही ड्रेस सिलवाने के रुपये भी दिये गये थे। कर्मचारियों को दो ड्रेस सिलवाने के रुपये दिये जाते हैं। जिसके चलते कर्मचारी महाशिवरात्रि पर्व पर नई ड्रेस में अपनी ड्यूटी निभाते हैं। ड्रेस कोड पहनने से कर्मचारी अलग दिखाई देने के कारण श्रद्धालु इनसे आसानी से संवाद स्थापित कर अपनी परेशानी से रूबरू करवा देते हैं। लेकिन इस बार मंदिर प्रबंध समिति की बैठक तो महाशिवरात्रि पर्व को लेकर दो बार हुई। लेकिन इसमें न तो कर्मचारियों की वेतनवृद्धि और न ही ड्रेस सिलवाने के रुपये आवंटित करने के बारे में चर्चा की गई।
कई कर्मचारी नहीं आ रहे ड्रेसकोड में
महाकालेश्वर मंदिर के कर्मचारियों को दो ड्रेस बनवाने के रुपये आवंटित किये जाते हैं। इन दो ड्रेसों को पहन पहन कर या तो यह पु रानी हो जाती है। या फट जाती है। ऐसे में कई कर्मचारी ड्रेसकोड में मंदिर नहीं आते हैं। इनमें महिला कर्मचारी भी शामिल हैं। कई पुरुष महिला कर्मचारी तो जानबूझ कर ड्रेसकोड में नहंी आते हैं। कई इसमें आना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं।