देवास, अग्निपथ। जिले के पुंजापुरा वनक्षेत्र में वनकर्मी की दो साल पहले हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शिकार करने के दौरान आरोपियों को पकडऩे की कोशिश करते समय आरोपियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेन्द्रसिंह भदौरिया ने बताया कि वन परिक्षेत्र, पुंजापुरा तहसील बागली में मदनलाल वर्मा बीट गार्ड के पद पर पदस्थ था। 4 फरवरी 2021 को उसकी ड्यूटी वन परिक्षेत्र, पुंजापुरा की रतनपुर बीट में थी। मदनलाल सुबह करीब 10.30 से 11 बजे के बीच रतनपुर बीट में ड्यूटी के लिये निकले थे। उ
से रोज की तरह 5.30 बजे मुख्यालय पर वापस आ जाना चाहिये था। उस दिन मदनलाल जब शाम 6 बजे तक भी वापस नहीं आये, तो कार्यालय के सहकर्मी वनरक्षक हरीश परमार ने कई बार मदनलाल वर्मा को फोन लगाया परन्तु बात नहीं हुयी। तब परमार ने रेंजर दिनेश निगम को फोन पर सूचना दी थी। उसके बाद रेंजर दिनेश निगम, वनरक्षक मनोज वर्मा, हरीश परामार अन्य साथी व पुलिस वाले मदनलाल वर्मा को ढूंढने के लिये जंगल गये थे। जब वे रात 10 बजे वन कक्ष क्र. 532 में भूरिया तालाब के किनारे पहुंचे तो देखा कि वहां मदनलाल वर्मा मृत पड़े हुये थे। वर्मा के दाहिने तरफ सीने में बंदूक की गोली की चोट दिखायी दे रही थी और खून निकला था। मौके पर थाना उदयनगर से पुलिस आ गई थी व प्रकरण दर्ज कर विवचेना प्रारंभ की गई।
विवेचना के दौरान विवेचक पुलिस ने आरोपी मोहन एवं गुलाब को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह अपने साथी ध्यानसिंह व दीपसिंह के साथ रतनपुर के जंगल में भूरिया तालाब के पास शिकार के लिये घात लगाकर बैठे हुये थे। गुलाब की बंदूक मोहन के पास थी। उसी समय नाकेदार मदनलाल वर्मा वहां आ गये थे, उन्हे देखकर आरोपी भागने लगे। मदनलाल ने उन्हें पकडऩे का प्रयास किया, तो आरोपी मोहन ने बंदूक से गोली चलाकर मदनलाल की हत्या कर दी थी। न्यायालय ने चारों आरोपियों को सजा सुनाई है।