उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में नई व्यवस्था के तहत सभी से शुल्क लिया जाकर मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। लेकिन इनमें दानदाताओं को भी शामिल कर लिया गया है। बड़े दानदाताओं के पास कार्ड होने के बाद भी उनको मंदिर के अंदर प्रवेश से रोका जा रहा है। एक ओर जहां दान देने पर दानदाताओं का मिठाई और शाल श्रीफल देकर सम्मान किया जाता है, वहीं दूसरी ओर उनको दान देने के बावजूद भी मंदिर में प्रवेश का शुल्क लिया जा रहा है।
मंदिर में ढेरों दानदाता हैं, जिन्होंने एक लाख रुपये से उपर का दान मंदिर को दिया हुआ है। मंदिर प्रबंध समिति ने उनको मंदिर के दर्शन के लिये आईकार्ड भी बनाकर दिये हैं। ऐसा इसलिये किया गया है ताकि दानदाता मंदिर में सुलभ दर्शन कर सके और आगे भी मंदिर को दान देता रहे। लेकिन नई व्यवस्था जब से लागू की गई है, तब से लेकर आज तक मंदिर में आने वाले कार्ड धारी दानदाताओं से भी टिकट मंगवाया जा रहा है। इसके बाद ही उनको प्रवेश दिया जा रहा है। इससे दानदाताओं का मनोबल गिर रहा है।
जानकारी में आया है कि पुराने दानदाता तो ठीक नए दानदाताओं के साथ भी यही व्यवहार किया जा रहा है। मंदिर के नि:शुल्क अन्न क्षेत्र में 25 हजार दान करने वाले दानदाताओं से भी टिकट मांगा जा रहा है। जबकि जिस दानदाता ने इतनी बड़ी रकम केवल भोजन के लिये दान की है, क्या वो 250, 750 रुपये की टिकट नहीं खरीद सकता। इसके लिये अन्नक्षेत्र प्रभारी को काफी मशक्कत कर दानदाताओं को प्रवेश करवाया जा रहा है।
पुलिस-आर्मी वालों को आखिरकार छूट
नई प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था लागू होते ही छोटे पुलिसकर्मी और आर्मी वालों को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। लेकिन विरोध के स्वर मुखर होने के कारण अब उज्जैन में पदस्थ पुलिसकर्मियों को दर्शन की छूट दी गई है। इसी तरह से आर्मी में छोटी रैंक वालों को भी पहले प्रवेश गेटों पर रोका जा रहा था। लेकिन अब इनको भी जाने की छूट प्रदान कर दी गई है। जानकारी में आया है कि पुलिस के प्रवेश को लेकर मंदिर के और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के बीच जमकर तकरार हुई थी। इसके बाद ही उज्जैन के पुलिसकर्मियों को प्रवेश की पात्रता दी गई है।