शिक्षा मंत्री के क्षेत्र से विकास गायब, विकास यात्रा पर उठे सवाल

भेरूपुरा कॉलोनी के ग्रामीण कीचड़ से निकलने को मजबूर

पोलायकलां, अग्निपथ। प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार के विधानसभा क्षेत्र के आखिरी गांव भेरूपुरा के ग्रामीण गंदे पानी कीचड़ से निकलने को मजबूर हैं। कई बार समस्या को लेकर कलेक्टर तक को जनसुनवाई में गुहार लगाने के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। ऐसे में सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का दावा करती विकासयात्राओं पर सवाल उठ रहे हैैं।

अकोदिया बेरछा रोड से निपानिया धाकड़ तक 11 किलोमीटर के इस मार्ग को बनाने का मध्य प्रदेश ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई शाजापुर के द्वारा ठेकेदार मेंसर्स कंपनी रुद्राक्ष एसोसिएट को रोड निर्माण का अनुबंध 25 जुलाई 2015 के तहत रोड निर्माण कार्य किया गया। परंतु ठेकेदार के द्वारा रोड निर्माण के वक्त पानी निकासी के लिए नाली निर्माण का कार्य नहीं किया गया।

उक्त ठेकेदार की लापरवाही के कारण आज ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि शासन के द्वारा रोड निर्माण के वक्त ही एजेंसी को पानी निकासी की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित कर ठेकेदार को रोड की 5 वर्ष तक संधारण का कार्य की जिम्मेदारी भी दी गई थी।

परंतु विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से भैरूपुरा कॉलोनी के ग्रामीण खासे परेशान नजर आ रहे हैं यहां मार्ग देवास जिले को जोडऩे वाला है यह से सैकड़ों नागरिक को अपने गंतव्य की ओर आना जाना पड़ता है । पास में ही महज 10 फीट की दूरी पर आंगनवाड़ी भवन है। जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र के छोटे-छोटे बच्चों को उक्त गंदे पानी से निकल करके केंद्र में आना पड़ता है। साथ ही देवास पीपलरावा शाजापुर आने जाने वाले आम नागरिकों को भी उसी गंदे पानी से गुजरना पड़ रहा है।

उक्त जगह से 5 फीट की दूरी पर सार्वजनिक पानी का कुएं है । जिसमें पानी का रिसाव होने की वजह से कूंए के पूरे पानी में बदबू आ रही है। ग्रामीणों अरविंद सेठ, अरविंद धाकड़, सहित गांव की महिलाओं का कहना है कि एक तरफ तो भाजपा के द्वारा प्रदेश भर में विकास यात्रा निकाली जा रही है। और विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है । परंतु स्वयं शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के गृह जिले का मामला होने के बाद भी हम लोग नारकीया जीवन जीने को मजबूर है।गंदा पानी भरा रहने से बीमारियों के साथ-साथ हमें खाना खाने मे भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्या इसी प्रकार से भाजपा के द्वारा प्रदेश में विकास किया है। या सिर्फ चुनाव के वक्त ही नेताओं और अधिकारियों को जनता की याद आती हैं। जबकि उक्त समस्या से कलेक्टर तहसीलदार शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को अवगत करने के बाद भी समाधान नहीं होना यहां दर्शाता है कि जिम्मेदारों को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है वहां तो बस अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे में लगे हुए हैं।

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