नृसिंह घाट से महाकाल लोक तक पहुंचने में ही लग जायेगा 1 घंटे से अधिक का समय
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में कल 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व का उल्लास बिखरेगा, लेकिन मंदिर प्रबंध समिति नेे केवल 45 मिनट मेें दर्शन करवाने का दावा किया है। नृसिंह घाट से चलकर महाकाल लोक तक पहुंचने में ही श्रद्धालुओं को 1 घंटे से अधिक समय लग जायेगा। वहीं महाकाल तक पहुंचने में लगने वाला समय अलग। व्यवहारिक धरातल पर इतने कम समय में श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं करवाये जा सकेंगे। जबकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का जमावड़ा हर जगह होगा।
नृसिंह घाट से लेकर हरसिद्धि चौराहा तक बेरिकेड्स लगा दिये गये हैं। यहां से श्रद्धालुओं को चारधाम के जिगजैग में घुमाया जायेगा। इसके बाद यहां से श्रद्धालुओं को तीन कतार में चलाकर महाकाल लोक तक पहुंचाया जायेगा। यहां के जिगजैग में श्रद्धालु फिर घूमेगा। इसके बाद फेसिलिटी सेंटर-1 में प्रवेश कर यहां से कार्तिकेय मंडपम और फिर गणपति मंडपम के बेरिकेड्स में श्रद्धालु पहुंच कर दर्शन करेगा।
गुरुवार को हुई त्रिवेणी संग्रहालय की पीसी में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात का तो दावा कर दिया कि 1 घंटे में श्रद्धालुओं को दर्शन करवा दिये जायेंगे। लेकिन एक ही दिन में 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को जो जमावड़ा मंदिर और इसके आसपास होगा। इसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों का दावा कितना सही बैठता है, यह देखने वाली बात होगी।
श्रद्धालुओं का भी रहेगा दबाव
महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ेगी। ऐसे में हरसिद्धि चौराहा से लेकर चारधाम और यहां से महाकाल लोक तक भीड़ का हुजूम देखा जायेगा। हालांकि भीड़ नियंत्रण के उपायों पर भी जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्चा की है। ऐसे में एतिहात रखते हुए श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन करवाये जायेंगे। चारधाम और महाकाल लोक के जिगजैग में विशेष तौर से एतिहात रखा जायेगा तभी यह पर्व सफल हो पायेगा।