सुबह 2.30 घंटे, दोपहर में 1 घंटा और शाम को 2 घंटे में हुए श्रद्धालुओं को दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद यह पहली बार है कि जब महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व इतने बड़े पैमाने पर मना हो। इस बार विगत वर्ष की अपेक्षा चार गुऩा श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे थे। लेकिन प्रशासन की चुस्त चौबंद व्यवस्था ने आखिरकार भीड़ नियंत्रण कर ही लिया। दोपहर में उमा भारती तो शाम को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भगवान महाकाल के दर्शन किये। इसके पहले कोई भी वीवीआईपी भगवान महाकाल के दर्शन को नहीं पहुंचा था। रात्रि 12 बजे तक लगभग 8 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे।
रात्रि 2.30 बजे से भगवान महाकाल के दर्शन आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये गये थे। शाम 6 बजे तक 6 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। सुबह जहां श्रद्धालुओं को ढाई घंटे में तो दोपहर में 1 घंटे में दर्शन हुए। शाम को श्रद्धालुओं को 2 घंटे में दर्शन हो रहे थे। भीड़ का सैलाब महाकाल लोक में लगातार बना हुआ था। हालांकि जिला प्रशासन की अच्छी व्यवस्था से ऐसी कोई खास परेशानी से श्रद्धालुओं को रूबरू नहीं होना पड़ा। शिव ज्योति कार्यक्रम में शामिल होने आये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ भगवान महाकाल के दर्शन किये। मुख्यमंत्री नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की आरती में भी शामिल हुए। इससे पहले दोपहर 2 बजे उमा भारती ने मंदिर पहुंचकर महाकाल के दर्शन किए थे।

भस्मारती से चलती रही कतार
उज्जैन में दर्शन के लिए रात 10 बजे से भक्तों की कतार लगना शुरू हो गई थी। सुबह 2.30 बजे ही पट खोल दिए गए। 4 बजे से 5 बजे तक भस्मारती हुई। अब लगातार 44 घंटे तक महाकाल दर्शन देंगे। इस बार शिवरात्रि पर शनि प्रदोष होने से यह पर्व खास हो गया है। भस्मारती के बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। भगवान को नए वस्त्र के साथ रुद्राक्ष की माला पहनाई गई। रजत आभूषणों के साथ राजा के रूप में श्रृंगार किया गया। शनिवार रात 12 बजे त्रिकाल पूजन के बाद भगवान महाकाल दूल्हे के स्वरूप में सजाया गया। सुरक्षा की दृष्टि से दो हजार पुलिसकर्मी और 300 स्वयंसेवक तैनात किये गये थे।
लड्डू प्रसादी की जोरदार बिक्री
महाशिवरात्रि के मौके पर लड्डू प्रसादी के लिए 35 काउंटर बनाए गए थे। हरसिद्धि पाल पार्किंग, हरसिद्धि मंदिर के पास टीनशेड, झालरिया मठ और भील समाज धर्मशाला के पास काउंटर बनाए गए थे। महाशिवरात्रि पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल की लड्डू प्रसादी की खरीदी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक 35 काउंटर से 1200 किलो लड्डू प्रसादी की बिक्री हो चुकी थी। इस बार मंदिर समिति ने 250 क्विंटल लड्डू प्रसादी तैयार की है।
पार्किंग में गाडिय़ां, बसों से मंदिर भेजा
महाकाल मंदिर तक श्रद्धालु के आने-जाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने प्राइवेट बसें अधिग्रहीत की थीं। इंजीनियरिंग कॉलेज के पास दो पार्किंग बनाई गई थी। पार्किंग एरिया में दर्शनार्थियों की गाडिय़ों को खड़ा करवाकर उन्हें बसों के जरिए कर्कराज मंदिर तक भेजा जा रहा था। यहां से श्रद्धालु महाकाल मंदिर के लिए कतार में लग रहे थे। ऐसी 100 बसें फ्री चलाई जा रही थीं। ये पार्किंग एरिया महाकाल मंदिर से 8 किलोमीटर दूर है। पार्किंग एरिया पर ही हेल्थ सेंटर बनाए थे।
300 वालेंटियर ने भी संभाली व्यवस्था
महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने पुलिस, सुरक्षाकर्मियों के अलावा 300 वालेंटियर तैयार किये थे। उनको बकायदा सफेद और यलो टीशर्ट भी उपलब्ध कराई गई थी। यह वालेंटियर भी अपने काम में लगकर महाकालेश्वर मंदिर में उमडऩे वाली भीड़ को बाहर निकालते रहे। पुलिस ने भी अपना काम बखूबी निभाया। पुलिस ने पूरा मोर्चा संभालते हुए कार्तिकेय मंडपम के गेट से निकलने वाली भारी भीड़ को एक जगह पर एकत्रित नहीं होने दिया। पुलिसकर्मियों ने इस बार अपनी ड्यूटी पूरी व्यवहार कुशलता से निभाई।
जिला प्रशासन ने ऐसे किया किला फतह
महाकाल लोक से आने वाले श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन ने मंदिर के अंदर पांच जगहों में बेरिकेड्स के माध्यम से विभाजित कर दर्शन के लिये प्रवेश कराया। दो लाइन कार्तिक मंडपम में, दो लाइन नंदीहाल रैंप से और एक लाइन मार्बल गलियारे से सभामंडपम होते हुए श्रद्धालुओं को दर्शन करवाये गये। यहीं से उनको निर्गम गेट पर भेजा जा रहा था। सभी श्रद्धालु निर्गम गेट से निकल कर सीधे या तो हरसिद्धि चौराहे तक पहुंचकर अपने गंतव्य की ओर पहुंंच रहे थे तो कई श्रद्धालुओं का रैला अन्नक्षेत्र के सामने हाल ही में बनाई गई नई सडक़ जोकि नगरनिगम के पार्किंग तक पहुंच रही थी। यहां से श्रद्धालुओं को बाहर निकाला जा रहा था। ऐसे में भीड़ का रैला दो जगह डायवर्ट हो रहा था।
मंदिर परिसर में भूतों की बारात की रंगोली
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में इंदौर की वल्र्ड रिकार्ड होल्डर शिखा शर्मा ने अपने 15 साथियों के साथ 25 बॉय 26 की भूतों की बारात की रंगोली बनाई थी जोकि आकर्षण का केन्द्र रही। हालांकि मंदिर परिसर में किसी को भी प्रवेश की पात्रता नहीं थी। जिसके चलते यह रंगोली केवल कुछ ही लोग देख पाये। लेकिन यह कलाकारों का भगवान महाकाल के प्रति अर्पण ही रहा कि उन्होंने इतनी मेहनत के बाद इतनी सुंदर रंगोली बनाई। बताया जाता है कि इंदौर की शिखा शर्मा 7 बार की रंगोली बनाने की वल्र्ड रिकार्ड होल्डर है।
पुजारी परिवार ने कराया फरियाल
पुजारी परिवार द्वारा प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर फरियाली भोज का आयोजन मंदिर परिसर में ही किया जाता है। लेकिन इस बार सभामंडप की छत से प्रवेश की व्यवस्थाओं को देखते हुए व्यवस्था सिद्धि विनायक मंदिर के सामने की गई थी। यहां पर कमिश्नर संदीप यादव, आईजी संतोष कुमार सिंह और प्रशासक संदीप सोनी ने भगवान महाकाल के दर्शन के बाद फरियाल ग्रहण किया। उनकी आगवानी पुजारी दिलीप गुरु, प्रदीप गुरु, बबलू गुरु, यश गुरु आदि ने की। इसके पूर्व मंदिर के पुजारी पुरोहितों को फरियाल ग्रहण करवाया गया।