आंदोलन की चेतावनी दी, महापौर ने कहा- मैने एसपी से की है बात
उजैन, अग्निपथ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के उपयंत्री खुमान सिंह भाभर और सहायक आदिल खान के साथ महाशिवरात्री पर्व पर पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा की गई पिटाई का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को पीएचई के कर्मचारी महापौर मुकेश टटवाल के पास पहुंचे और उनसे दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कराने को कहा। महापौर ने भी कहा कि मैंने इस मामले में खुद एसपी से भी बात की है।
महाशिवरात्री के दिन श्रद्धालुओं को पेयजल वितरण के काम में जुटे उपयंत्री खुमान सिंह भाभर और सहायक आदिल खान के साथ चारधाम स्थित पानी की टंकी के नजदीक एडिशनल एसपी आकाश भूरिया, सीएसपी ओ.पी. मिश्रा की मौजूदगी में पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट की गई थी। इस घटना के बाद से ही खुमान सिंह भाभर जिला अस्पताल में भर्ती है।
पीएचई कर्मचारियों का आरोप है कि जब वे भाभर को लेकर थाने पर शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो यहां मौजूद सब इंस्पेक्टर बल्लू सिंह मंडलोई ने भी अभद्र व्यवहार किया। पीएचई के कर्मचारियों ने महापौर मुकेश टटवाल को आगे के आंदोलन की रूपरेखा से भी अवगत कराया है। तय किया गया है कि 21 फरवरी को पीएचई के सभी अधिकारी-कर्मचारी आईजी, एसपी और कलेक्टर से मुलाकात कर विरोध दर्ज कराएंगे।
इन तीनों द्वारा कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में 22 फरवरी को काम बंद हड़ताल की जाएगी। इसके बाद भी बात नहीं नी तो 24 फरवरी को अधीक्षण यंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 25 फरवरी को सभी अधिकारी-कर्मचारी आईजी कार्यालय के बाहर धरना देंगे। इसके बाद भी यदि कोई कार्यवाही नहीं हुई तो फिर धरना आंदोलन निरंतर जारी रखा जाएगा।
राज्य कर्मचारी संघ भी साथ
पीएचई के कर्मचारियों के इस आंदोलन का मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ ने भी समर्थन किया है। संघ के जिला अध्यक्ष मनोहर गिरी के मुताबिक यदि तय वक्त में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाती है तो राज्य कर्मचारी संघ के सभी कर्मचारियों को भी हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा।