उजैन, अग्निपथ। भारत उत्कर्ष, नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2023 (विक्रम सम्वत् 2079) के तहत विक्रम कीर्ति मंदिर सभागार में नाट्य रंग कार्यक्रम का सोमवार को माननीय उच शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुभारंभ किया। पहले दिन माच शैली में शहीद भगतसिंह नाटक की प्रस्तुति हुई। कलाकारों ने राष्ट्र प्रेम को कला के माध्यम प्रदर्शित किया।
1 घंटे 15 मिनट के इस नाटक में शहीद-ए-आजम भगतसिंह का बचपन में ही क्रांतिकारी गतिविधियों से जुडऩा और देश की आजादी की खातिर फाँसी के फंदे चुनना बखुबी दर्शाया गया है। यह दृश्य युवाओं को व्यक्तिगत जिंदगी को पीछे रख देश सर्वोपरि की बात को बताता है। मालूम हो कि शहीद भगतसिंह को अंग्रेजी हूकुमत से लड़ते हुए मात्र 23 साल की उम्र में फांसी दे दी गई थी।
मालवी बोली में खेले गए इस नाटक का निर्देशन और लेखन श्री सुंदरलाल मालवीय द्वारा किया गया। नाटक में शहीद भगतसिंह का किरदार कबीर मालवीय, चंद्रशेखर आजाद की भूमिका अभिजीत कानूनगो तथा लाला लाजपत राय का किरदार नरेंद्र वर्मा ने निभाया। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा संस्कार भारती के सहयोग से आयोजित इस प्रस्तुति की सभागार में उपस्थित दर्शकों एवं रंगकर्मियों ने काफी सराहना की।
मंच का संचालय राजेंद्र नागर ने किया। इसके पहले महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी, संस्कार भारती के श्रीपाद जोशी, नाटक के निर्देशक सुंदरलाल मालवीय ने दीप प्रवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
नाट्य रंग में आज की प्रस्तुति वासुदेव सर्वम
विक्रम कीर्ति मंदिर में चल रहे नाट्य रंग कार्यक्रम के दूसरे दिन वासुदेव: सर्वम नृत्यनाटिका की प्रस्तुति होगी। यह नाटिका श्रीकृष्ण पर केन्द्रित है। इसकी परिकल्पना एवं लेखन श्री अभिषेक व्यास व कल्पेश वाघ द्वारा की गयी है। संगीत, स्वर एवं वादन श्री अभिषेक व्यास द्वारा किया गया है।