अनुशासन की सजा: सांसद रक्षा कलसे को गर्भगृह में प्रवेश नहीं देने पर भस्मारती निरीक्षक निलंबित

इधर प्रशासकीय अधिकारियों को गर्भगृह में प्रवेश देने पर गर्भगृह निरीक्षक को कारण बताओ नोटिस

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व और सोमवती अमावस्या पर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करने का दंड दो कर्मचारियों को भुगतना पड़ा है। जिला समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद द्वारा अधिकारियों को गर्भगृह में प्रवेश और जनप्रतिनिधियों को बाहर से दर्शन का मामला पुरजोर तरीके से उठाने पर मंदिर प्रबंध समिति ने गर्भगृह निरीक्षक को कारण बताओ नोटिस भेज दिया है। वहीं महाराष्ट्र की सांसद को कलेक्टर के आदेश के बाद भी गर्भगृह से दर्शन नहीं करवाने पर भस्मारती प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

दोनों की मामले जनप्रतिनिधियों से जुड़े हुए हैं। पहला मामला महाराष्ट्र जलगांव की सांसद रक्षा कलसे का ही ले लें। सांसद रक्षा कलसे सोमवती अमावस्या को अलसुबह की भस्मारती में शामिल हुई थीं। भस्मारती के बाद सुबह 6 बजे वह गर्भगृह के अंदर प्रवेश करना चाहती थीं। लेकिन उनको भस्मारती निरीक्षक उमेश पंड्या ने किसी प्रकार का कोई आदेश नहीं होने के कारण रोक दिया। सांसद को गर्भगृह की दहलीज से दर्शन करवा दिये।

पुजारी भरत गुरु ने उनका हार पहनाकर सम्मान भी कर दिया। लेकिन सांसद सुश्री कलसे का कहना था कि कलेक्टर से बात हो चुकी है। उनको गर्भगृह में प्रवेश दिया जाय। उनका जिला प्रोटोकाल से पाइंट आया था। भस्मारती निरीक्षक श्री पंड्या ने आदेश नहीं होने का हवाला दिया तो सुश्री कलसे ने उनसे कलेक्टर से बात करने के लिये फोन लगाया। लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। लिहाजा उनको गर्भगृह की दहलीज से ही दर्शन कर लौटना पड़ा। ऐसे में कलेक्टर के आदेश की अवमानना में भस्मारती निरीक्षक को मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिये निलंबित कर दिया गया।

दूसरा मामला

दूसरा मामला इस प्रकार है कि महाशिवरात्रि पर्व के दिन दोपहर की सरकारी पूजा के बाद आईजी रेलवे महेन्द्रसिंह सिकरवार और ग्वालियर एसपी ने सपत्नीक भगवान महाकाल के गर्भगृह से दर्शन किये थे। वहीं उमा भारती, विभाष उपाध्याय और माखनसिंह ने भी गर्भगृह से पूजन अर्चन किया था। सांसद अनिल फिरोजिया और उनका परिवार भी दर्शन के लिये आया लेकिन उनको नंदीहाल से ही दर्शन करना पड़े। वहीं विधायक पारस जैन ने भी नंदीहाल से दर्शन किये। ऐसे में गर्भगृह निरीक्षक अशोक ठोमरे को मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस का जवाब 24 घंटे में देना है।

दिशा की बैठक में सांसद ने उठाया मामला

दिशा की बैठक सोमवार को आहुत हुई, जिसमें जनप्रतिनिधियों को महाशिवरात्रि पर्व के दौरान दर्शन में हुई परेशानी का मुद्दा प्रमुखता से उठा। सांसद अनिल फिरोजिया ने अधिकारियों को आसानी से दर्शन और जनप्रतिनिधियों को परेशानी को लेकर मुद्दा कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और मंदिर प्रशासक संदीप सोनी के सामने उठाया था। सांसद ने यह भी कहा था कि मंदिर के कर्मचारी सही तरह से बात नहीं करते हैं। इस मामले को लेकर काफी तल्खी बैठक में रही। लिहाजा मंगलवार को दोनों कर्मचारियों पर इसकी गाज गिर गई।

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