उपयंत्री के साथ मारपीट के मामले की डीआईजी करेंगे जांच
उज्जैन, अग्निपथ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग(पीएचई) के उपयंत्री खुमान सिंह भाभर और उनके सहायक आदिल खान के साथ मारपीट के मामले में मंगलवार को पीएचई के इंजीनियर्स और दूसरे कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। जेसीबी, टेंकर, डंपर और ट्रेक्टर लेकर कर्मचारी आईजी के ऑफिस पर पहुंचे और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
मंगलवार की शाम एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने इस मामले में आरक्षक ललित सोलंकी और कमल पटेल को लाईन अटैच कर दिया है। इसके अलावा आईजी ने डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह को इस मामले की जांच के लिए निर्देश जारी किए है।
18 फरवरी महाशिवरात्री के दौरान महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन की कतार में खड़े श्रद्धालुओं को पेयजल मुहैया कराने की ड्यूटी में लगे पीएचई के उपयंत्री खुमान सिंह भाभर और आदिल खान के साथ चारधाम स्थित पानी की टंकी के पास पुलिसकर्मियों ने मारपीट की थी। इस घटना के बाद से ही खुमान सिंह भाभर जिला अस्पताल में भर्ती है।
मंगलवार को पीएचई के अधिकारी-कर्मचारियों ने इस घटना के विरोध में देवासगेट स्थित मुख्यालय से विरोध रैली निकाली। कर्मचारी-अधिकारी हाथों पर काली पट्?टी बांधकर नारे लगाते हुए देवासरोड स्थित आईजी ऑफिस पर पहुंचे। यहां आईजी संतोष कुमार सिंह से पीएचई अधिकारियों-कर्मचारियों ने एडिशनल एसपी देहात आकाश भूरिया, सीएसपी ओ.पी. मिश्रा सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग रखी।
आईजी ने इन्हें भरोसा दिलाया कि मामले में निष्पक्ष कार्यवाही होगी। आईजी ने डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह को निर्देशित किया है कि वे इस मामले की स्वयं जांच करे और एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करे।
दो पुलिसकर्मी लाईन अटैच
पीएचई कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता देख पिछले दो दिन से शांत बैठे एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला भी अब हरकत में आए है। मंगलवार को उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर व्यवथा की ड्यूटी में लगे आरक्षक ललित सोलंकी और कमल पटेल को लाईन अटैच कर दिया है।
इस कार्यवाही से हम संतुष्ट नहीं
म. प्र.कार्यभारित एवं स्थाई कर्मी महासंघ के प्रदेश महामंत्री दिलीप चौहान और म.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष कमलेश कजोडिय़ा ने बताया कि एसपी ने मुंह दिखावे की कार्यवाही की है। एडिशनल एसपी आकाश भूरिया, सीएसपी ओ.पी. मिश्रा के कहने पर मारपीट की गई थी, इसलिए इन दोनों पर जब तक कार्यवाही नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा। कजोडिय़ा ने बताया कि व्यवस्थागत ड्यूटी में पुलिसकर्मी दूसरे विभाग वालों को कुछ नहीं समझते है। कलेक्टर के निर्देश पर जारी किए गए पास भी फाड़ कर फेंक दिए गए।