वीडियो वायरल होने के बाद भी नहीं हुई थी कार्यवाही
जावरा, अग्निपथ। खनिज के कथित अवैध परिवहन के मामले में रिश्वतखोरी के आरोप से घिरे ढोढर के पटवारी को जावरा एसडीएम ने सोमवार को निलंबित कर दिया है। मामले में जावरा तहसीलदार को विभागीय जांच भी सौंपी गई है।
गौरतलब है कि ढोढर के पटवारी हल्का नंबर 2 को पटवारी मनीष राठौर का कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर पिछले दिनों वायरल हुआ था। फरियादी ने इसकी शिकायत बरखेड़ी निवासी बबूल खां जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति को भी की थी। हालांकि बताया जा रहा है कि शिकायत के साथ दिया गया शपथ पत्र फरियादी ने वापस ले लिया था। लेकिन एसडीएम प्रजापति ने आरोपी पटवारी को नोटिस जारी करने के साथ ही पटवारी द्वारा जब्त कर थाने में खड़े कराए ट्रैक्टर में लदे माल की जांच जावरा जनपद पंचायत के उपयंत्री से कराई थी।
उस रिपोर्ट में ट्रैक्टर में पीली मिट्टी होना पाया गया। जबकि पटवारी ने ट्रैक्टर जब्ती के समय बनाए पंचनामे में ट्रैक्टर में मुरम भरा होना बताया था। पटवारी के इस कृत्य को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम के तहत गलत साबित होने पर एसडीएम हिमांशु प्रजापति ने पटवारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। सोमवार को पटवारी मनीष राठौर को निलंबित कर दिया है।
अग्निपथ में खबर प्रकाशन के बाद की कार्रवाई
मामले में कथित तौर पर फरियादी पर शिकायत वापस लेने का दबाव संबंधितों ने बनाया था। इस मामले को दैनिक अग्निपथ ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद एसडीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराई व रिपोर्ट के आधार पर पटवारी पर निलंबन की कार्रवाई के साथ विभागीय जांच के आदेश भी दिए।
यह है मामला
बरखेड़ी निवासी बबूल खाँ ने अपने शिकायती आवेदन में बताया था कि वह अपने दो टैक्टर में मटेरियल भर कर ढोढर शनिदेव मंदिर में डालने जा रहा था। रास्ते में पटवारी मनीष राठौड़ ने दोनों ट्रेक्टर ज़ब्त कर लिए और ढोढर चौकी में खड़े कर दिए। ट्रैक्टर छोडऩे के लिए 10 दिन तक टालमटोल करते हुए दस हजार की मांग की गई। जिसमें आठ हज़ार रुपए में राजी हुए 9 फऱवरी को दोहपर 1 से 2 बजे की बीच उनके कार्यालय पर मुझे बुलाया और 500-500 सौ के 16 नॉट गिनकर मेने दिए और उनके द्वारा लिए गए है जिसका वीडियो मेरे पास है पैसे लेने के बाद उनके द्वारा पंचनामा बनाया गया है।