निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी होते है भ्रमित
देवास, अग्निपथ। शहर के वार्ड-6 नौसराबाद का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां पूर्व पार्षद अपने आप को वर्तमान पार्षद बताते हुए पार्षद पद का दुरुपयोग कर रहा है। उक्त मामले को लेकर वार्ड के रहवासी गुरूवार को नगर निगम पहुंचे और जमकर नारेबाजी करते हुए आयुक्त विशाल सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा।
वार्ड 6 के रहवासियों ने बताया कि वार्ड की वर्तमान पार्षद अरूणा पटेल है। जिनका नाम समस्त दस्तावेजों में भी दर्ज है। वार्ड के पूर्व पार्षद प्यारेमियां पठान अपने आप को पार्षद बताकर नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ वार्ड की जनता को भी भ्रमित कर रहा है। नगर निगम द्वारा गार्डन में लगाए जाने के लिए कुर्सियां आवंटित की गई।
जिसमें पूर्व पार्षद प्यारेमियां पठान ने अपने घर के सामने कुर्सियां लगवाकर उस पर अपने नाम के साथ पार्षद वार्ड 6 लिखा रखा है। सरकार की जनहित की जो भी योजनाएं चलाई जाती है। योजना के लिए हितग्राहियों को जानकारी देने के लिए जब नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी वार्ड में आते है तो पूर्व पार्षद प्यारेमियां पठान अपने कार्यालय में बुलाकर वहीं से पंचनामा आदि दस्तावेज वहीं से तैयार कर उन अधिकारी/कर्मचारी को बिना जाँच किए ही वापस भेज दिया जाता है। पूर्व पार्षद अपनी मर्जी से हितग्राही के नाम का चयन कर अपने व्यक्तियों को योजना का लाभ दिलाता है।
वार्डवासियों ने निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि वार्ड में पूर्व पार्षद द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों पर रोक लगाते हुए उक्त व्यक्ति पर कार्यवाही करे। साथ ही निगम के अधिकारी-कर्मचारी को निर्देशित करे कि वार्ड के मतदाताओं द्वारा चुने गए पार्षद से चर्चा कर शासन की योजनाएं रहवासियों तक पहुंचाए।
इस अवसर पर फैजान शेख, शाहरूख मंसूरी, शाहरूख शेख, मकीन कुरैशी, आदिल मैव, जुगनू शेख, शादिक ठेकेदार, जाकीर शाह, सुरय्या मेव, शहनाज बी, रूबिना बैग, शौकत मैव, अफजल खान, जुबैर भाई, राहुल चौहान, रामचंदर गुर्जर, सलीम, सूरज खरे, सन्नी गौसर, रामचंदर रणावत, मनोज अग्रवाल, अजय राजपूत, भूरा मेव, सादिक मेव सहित बड़ी संख्या में वार्डवासी उपस्थित थे।
पार्षद का पति बताता है खुद को
रहवासियों ने आरोप लगाया कि प्यारेमियां पठान खुद को वर्तमान पार्षद अरूणा पटेल का पति बताता है, जिससे हर कोई भ्रमित हो जाता है। जबकि निर्वाचन के समय पार्षद अरूणा पटेल द्वारा दिए गए शपथ पत्र में पति के नाम का कोई उल्लेख नहीं है। जिससे यह सिद्ध होता है कि उक्त व्यक्ति द्वारा पार्षद पद का दुरूपयोग किया जा रहा है।