7 की अलसुबह भस्मारती में खेली जानी होली
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में इस बार धुलेंडी के दिन की अलसुबह होने वाली भस्मारती में पुजारी पुरोहित भगवान महाकाल के साथ होली नहीं खेल पायेंगे। जानकारी लगी है कि मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में किसी भी तरह के रंग खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पुजारी पुरोहितों में मायूसी छाई हुई है।
प्रतिवर्ष धुलेंडी के दिन अलसुबह होने वाली भस्मारती से ही होली खेलने की शुरुआत हो जाती है। इसमें पुजारी पुरोहित भगवान महाकाल के साथ भस्मारती में अबीर गुलाल के साथ होली खेलते हैं। इसके बाद भस्मारती देखने वाले श्रद्धालुओं पर भी अबीर गुलाल की बौछार की जाती है। ऐसे में पूरा वातावरण धर्ममय हो जाता है।
इस तरह से बाबा महाकाल के दरबार से होली खेलने की शुरुआत हो जाती है। जानकारी लगी है कि इस बार मंदिर प्रशासन ने भस्मारती में अबील गुलाल से गर्भगृह में होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। 7 मार्च की अलसुबह होने वाली भस्मारती में अबीर गुलाल से होली खेली जाना है। लेकिन इस पर प्रतिबंध लगा दिये जाने के कारण पुजारी पुरोहितों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मामले में मंदिर प्रशासक संदीप सोनी से संवाद करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।