उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली 8 मार्च को महाकाल लोक को बंद कर दिये जाने के कारण श्रद्धालु परेशान होते रहे। बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह से महाकाल लोक को बंद कर दिये जाने के कारण बुजुर्ग और विशेषकर छोटे बच्चे परेशान हुए। जिला प्रशासन को इसकी मुनादी पहले ही कर देना चाहिये थी, ताकि लोगों का समय और पैसा दोनों बचता।
जिला प्रशासन ने होली की सुबह से ही महाकाल लोक को आम श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिया था। हालांकि दिन में तो ठीक लेकिन रात में भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने भगवान महाकाल के दर्शन के बाद यहां पर पहुंचना शुरु कर दिया था। निर्गम गेट से निकलने के बाद जब श्रद्धालु मानसरोवर के पास पहुंचे तो यहां पर उनको बेरिकेड़स लगे दिखाई दिये।
वहां पर तैनात सुरक्षा गार्डों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि होली पर रंग आदि से प्रतिमाएं और म्यूरल वॉल खराब न हो जाएं। इसलिये मंदिर प्रशासन ने सुबह से ही यहां प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। संभवत: रंगपंचमी के दिन भी महाकाल लोक को बंद रखा जायेगा।
बाहर से दर्शन को आने वाले हुए परेशान
दिल्ली निवासी पंकज मौर्य ने बताया कि वह परिवार सहित भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे थे। दर्शन के पश्चात जब निर्गम गेट से बाहर हुए तो महाका लोक के अवलोकन को पहुंचे। लेकिन यहां पर देखा कि बेरिकेड्स लगा कर परिसर को बंद कर दिया गया है। हम यहां पर दो दिन से ठहरे हुए हैं। लेकिन महाकाल लोक बंद करने की पूर्व घोषणा नहीं होने के कारण हमारा एक दिन खराब हो गया। वहीं दूसरे श्रद्धालु जिनमें बुजुर्ग और विशेषकर छोटे बच्चे काफी परेशान हुए। उनको पैदल चलने में परेशानी आई।